Navratri 2022: नवरात्रि में बना रहे है मकान खरीदने की योजना, तो जान लीजिए यह ख़ास बात
मकान खरीदते समय इन वास्तु नियम को न करें इग्नोर।

कुछ खास वास्तु टिप्स।
उत्तर प्रदेश, Digital Desk: नवरात्रि (Navratri) में मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इन वास्तु नियमों को न करें इग्नोर, वरना खत्म नहीं होंगी समस्याएं।
• अगर आप कोई मकान, फ्लैट या फिर जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो कुछ वास्तु नियमों का विशेष खयाल रखना चाहिए। वास्तु को ज्योतिष (HOME VASTU TIPS) का खास हिस्सा माना गया है। इसके नियमों का पालन करने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
• नवरात्रि में मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इन वास्तु नियमों को नज़रंदाज़ न करें, वरना खत्म नहीं होंगी समस्या।
वास्तु (Vastu) को ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण शाखा माना गया है। वास्तु में घर से जुड़े तमाम नियम बताए गए हैं। ये नियम सूर्य के प्रकाश पर आधारित हैं और दिशाओं से जुड़े हैं।
• कोई भी मकान खरीदते समय उसके आकार पर जरूर ध्यान दें। मकान या जमीन हमेशा वर्गाकार या आयताकार होने चाहिए। इसके अलावा मकान का मुख्य द्वार पूर्वी ईशान, उत्तरी ईशान, दक्षिणी आग्नेय और पश्चिमी वायव्य में बना होना चाहिए। ऐसे मकान को शुभ माना जाता है। मान्यता है इनमें रहने वाले लोग खूब तरक्की करते हैं और उनके परिवार में धन की कोई कमी नहीं रहती।
• मकान के बेडरूम दक्षिण, पश्चिम या पूर्व दिशा में होने चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा में बना बेडरूम कपल्स के लिए ठीक नहीं माना जाता, इससे उनके बीच नोंक-झोंक की स्थिति बनी रहती है। वहीं मकान के मुखिया दंपत्ति के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में बना हुआ कमरा शुभ माना गया है।
• मकान (HOME DECORATION TIPS) के किचन और टॉयलेट की दिशा का भी विशेष खयाल रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व में बना टॉयलेट और किचन, दोनों ही शुभ नहीं माने जाते हैं। इससे परिवार की सुख शांति भंग होती है। इसके अलावा घर का स्टोर भी इस दिशा में नहीं होना चाहिए।
• कोई भी मकान या जमीन अगर टी पॉइंट पर है, तो उसे न खरीदें। न ही ऐसा मकान खरीदें, जिसके आसपास बिजलीघर या ट्रांसफार्मर लगा हो। ऐसे मकान को शुभ नहीं माने जाते. ऐसे मकानों में नकारात्मकता बनी रहती है और तमाम परेशानियां आती रहती हैं।
• मकान खरीदते समय देख लें कि मकान के सामने कोई विशाल वृक्ष न हो। घर के आसपास कोई बड़ा नाला न हो। यह दोनों ही स्थितियां शुभ नहीं मानी जातीं, इससे घर के सदस्यों की सफलता बाधित होती है। दक्षिण और पश्चिम दिशा में मकान का निर्माण अधिक होना चाहिए और उत्तर और उत्तर-पूर्व खुला हुआ होना चाहिए।