Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि में घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता रानी

चैत्र नवरात्रि में इस बार माता घोड़े पर सवार होकर आने वाली है।

 
IMAGE: AAJ TAK
2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: हिंदी वर्ष का प्रथम नवरात्र जिसे वासंतिक नवरात्र को Chaitra Navratri कहते हैं। इसका शुभारम्भ इस दो अप्रैल शनिवार से हो रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना काल में करीब दो साल अव्यवस्था के बीच नवरात्र बनाने के बाद देवी भक्तों को इस साल नवरात्र को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। नवरात्र की तैयारियां माता के विभिन्न देवी मंदिरों पर तेजी से चल रही है। मंदिरों को रंग-रोगन कर अंतिम रूप दिए जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिले के पश्चिम छोर पर स्थित मंगला भवानी मंदिर का रंग-रोगन का कार्य बुधवार को पूरे दिन चलता रहा।

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इंदरपुर थम्हनपुरा निवासी आचार्य डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि वासंतिक नवरात्र पर मातारानी (Mata Durga) का आगमन भक्तों के घर घोड़े पर हो रहा है। जबकि मातारानी भैंसा पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी। इस बार नवरात्र 9 दिन होगा।

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नवरात्र (NAVRATRI) में 9 दिन मां शक्ति के शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री नौ रूपों में अलग-अलग पूजन अर्चन का विधान शास्त्रों में बताया गया है। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि वासंतिक नवरात्र के कलश स्थापना का (NAVRATRI SHUBH MUHURAT) शुभ मुहुर्त दो अप्रैल को प्रतिपदा तिथि दिन में 11.29 बजे तक है। ऐसे में कलश स्थापना का अभिजीत मुहुर्त दिन में 11.35 बजे से 12.25 बजे तक है।

8 अप्रैल को महानिशा पूजन, 10 अप्रैल को कन्या पूजन व रामनवमी मनाई जायेगी तथा हवन किया जायेगा। बताया कि प्रथम दिन का व्रत रखने वाले लोग दो अप्रैल को व्रत रखेंगे और तीन को पारण करेंगे अंतिम दिन यानि अष्टमी तिथि का व्रत नौ अप्रैल को होगा तथा पारण 10 अप्रैल को 5.45 बजे के बाद किया जायेगा। 9 दिनी व्रत रखने वाले साधक दशमी (Dashmi) तिथि में 11 अप्रैल को सूर्योदय के बाद पारण करेंगे। बताया कि मातारानी का घोड़े पर आगमन युद्ध की स्थिति पैदा करने वाला होता है। वहीं भैंसा पर सवार होकर प्रस्थान करना देश में रोग व शोक का वातावरण रहने का परिचायक है।