Pradosh Vrat 2022: इस विधि विधान से करिए प्रदोष व्रत की पूजा, हर मनोकामना पूरी करेंगे भगवान शिव

माघ महीने के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 14 फरवरी के दिन सोमवार को है।
 
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जानिए प्रदोष व्रत के मुहूर्त, व्रत और पूजा विधि के बारे में।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: माघ महीने (Magh Month) के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 14 फरवरी के दिन सोमवार को पड़ रहा है। हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। सोम प्रदोष व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखा जाता है। ऐसे में इस बार यह दिन आज यानी 14 फरवरी को पड़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि देवों के देव महादेव (Lord Shiv) की पूजा विधि विधान से करने से और व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा से हर लोग सुख, शांति, संतान एवं सफलता की प्राप्ति होती है।

मुहूर्त:

प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 14 फरवरी के दिन 3 उत्तम योग बना रहा है। आयुष्मान योग सुबह से रात 9:29 तक है। सर्वार्थ योग्य एवं रवि योग्य दिन में 11:53 से शुरू होगा और वही 15 फरवरी को सुबह 7:00 बजे तक रहेगा। प्रदोष व्रत में पूजा का मुहूर्त शाम 6:10 से लेकर 8:28 तक है। ऐसे में इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति विधिपूर्वक शिव भगवान की पूजा करें।

विधि:

• प्रदोष व्रत के 1 दिन पहले से तामसिक भोजन का सेवन बंद कर देना चाहिए। व्रत रखने के लिए मन, वचन और कर्म शुद्ध होना चाहिए।

• प्रदोष व्रत के दिन स्नान करके साफ कपड़े पहने और फिर व्रत एवं शिव पूजा का संकल्प करिए। दिनभर व्रत रखिए और फलाहार पर अपना दिन निकाल लीजिए। उसके बाद शाम को प्रदोष व्रत मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा कर लीजिए।

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• गंगाजल और गाय के दूध से शिवलिंग पर अभिषेक चढ़ाए। ओम नमः शिवाय का जाप करिए और शिवलिंग (Lord Shiva Pooja Tips) पर बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, शहद, सफेद चंदन, धूप, दीप आदि अर्पित करिए। उसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें।

• सोम प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करिए। पूजा के अंत में कपूर या गाय के घी वाले दीपक से शिवजी की आरती करिए और महादेव से अपनी मनोकामना हेतु प्रार्थना करिए।

• कुछ स्थानों पर लोग प्रदोष व्रत पूजा के बाद धारण करते हैं। तो कई जगह पर अगले दिन सूर्योदय के बाद। आपके यहां जो विधान हो उसके अनुसार पारण करके प्रदोष व्रत को पूरा करना चाहिए।