Shanidev Upay: शनि की साढ़े साती से स्वमं को दूर रखने के लिए करिए यह रामबाण उपाए, पढ़े सभी उपाए
माना जाता है कि, शनि की साढ़े साती के भुक्त भोगी देवता भी रहे है, ऐसे में भगवान राम का वनवास और रावण का विनाश इसका उदाहरण है।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: ऐसा माना जाता है कि, शनि देव के प्रकोप ( Shani dev ka prakop ) से इंसान तो क्या, देवता भी नहीं बच पाए। मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि, शनि देव (Shani Dev) व्यक्ति के कर्मों के मुताबिक उसे फल जरूर देते हैं। कहा जाता है कि, मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा मारक होते हैं। नवग्रहों ( Nav grah ) में शनि की चाल सबसे धीमी होने के कारण किसी की कुंडली ( Kundali mein shani ) में अगर शनि प्रवेश कर जाएं, तो उनका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। हम यहां शनि की साढ़े साती से दूर रहने के कुछ उपाय आपको बताएंगे।
शनिदेव की साढ़े साती के भुक्त भोगी देवता भी रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भगवान राम का वनवास और रावण का विनाश है। इसीलिए शनि दोष दूर करने के लिए आप कुछ आसान से उपायों को अपना सकते हैं।
शमी का पेड़ लगाएं:
अगर आप शनि दोष से मुक्ति और शनि देव की कृपा बनाए रखना चाहते हैं, तो घर में शमी का पेड़ लगाएं। माना जाता है कि शनि देव इस पेड़ में सदैव विराजमान रहते हैं। इस पेड़ की धार्मिक नियमों के मुताबिक पूजा करने से शनि देव अत्यंत प्रसन्न होते है। इस पेड़ को बाहरी लोगों की नजर से बचाकर ही घर में कहीं लगाना शुभ होता है।
शनि देव की पूजा:
अगर शनि देव की पूजा-आराधना सच्चे मन से की जाए, तो शनि देव भक्तों को मुसीबत से बचाकर रखते हैं। उनकी कृपा बनाए रखने के लिए हर शनिवार को मंदिर जाकर तेल और काला तिल उन्हें अर्पित करना चाहिए। साथ ही शनि चालीसा का पाठ पढ़ें, क्योंकि ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
हनुमान चालीसा पढ़ें:
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान हनुमान (Hanuman Chalisa) को शनि देव ने वरदान दिया था कि, वे उनके भक्तों को कभी परेशान नहीं करते है। इसी कारण शनि के प्रकोप से बचने के लिए लोग बजरंगबली जी की शरण में जाते हैं। अगर आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो आप शनि दोष या फिर शनि देवी की साढ़े साती से खुद को बचा सकते हैं।