Chaitra Purnima 2022: कब है चैत्र पूर्णिमा, क्यों है इसका बजरंगबली से संबंध
चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती है, इसलिए सुबह स्नान और दान के बाद केसरीनंदन पवनपुत्र हनुमान की पूजा करिये।

उत्तर प्रदेश Digital Desk: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) है। चैत्र पूर्णिमा का पवनपुत्र हनुमान जी (Hanuman Ji) से एक संबंध है। इस तिथि को ही संकटमोचन हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस वजह से हर साल चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) या महावीर जयंती मनाई जाती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान करने और दान करने की परंपरा है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और भगवान सत्यनारायण की व्रत कथा का आयोजन किया जाता है।
चैत्र पूर्णिमा 2022 तिथि:
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल दिन शनिवार को तड़के 02:25 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 17 अप्रैल दिन रविवार को 12:24 एएम तक मान्य है। ऐसे में चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल दिन रविवार को है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन रवि योग सुबह 05:55 मिनट से लग रहा है, जो सुबह 08:40 मिनट तक मान्य है। इस दिन का शुभ समय 11:55 मिनट से लेकर दोपहर 12:47 मिनट तक है।
ऐसे में आप सुबह से ही पवित्र नदियों में पूर्णिमा का स्नान कर सकते हैं और दान दे सकते हैं। जो लोग व्रत रखना चाहते हैं, वे भी 16 अप्रैल को पूर्णिमा व्रत रखेंगे।
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चैत्र पूर्णिमा का पंचांग:
सूर्योदय: सुबह 05:55 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:47 बजे
चंद्रोदय: शाम 06:27 बजे
चंद्रास्त: चंद्रास्त नहीं
राहुकाल: सुबह 09:08 बजे से सुबह 10:45 बजे तक
भद्रा: सुबह 05:55 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक
हनुमान जी की पूजा:
चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती है, इसलिए सुबह स्नान और दान के बाद केसरीनंदन पवनपुत्र हनुमान की पूजा करिये। उनको लाल लंगोट, सिंदूर, बूंदी के लड्डू, चमेली का फूल या तेल चढ़ाएं। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।