Annapurna Ashtami 2023: अन्नपूर्णा अष्टमी पर्व पूजा, व्रत कथा और महत्व

Annapurna Ashtami 2023 Date : इस वर्ष अन्नपूर्णा अष्टमी का पूजन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को 27 फरवरी 2023 सोमवार के दिन होगा. 
 
Annapurna Ashtami 2023
देवी अन्नपूर्णा को भगवती का स्वरुप माना गया है. मां अन्नपूर्णा पृथ्वी में प्राणियों एवं समस्त जीवों का अन्न द्वारा पोषण करने वाली हैं.

Astro, Digital Desk: जीवन को शक्ति प्रदान करने में देवी भगवती अन्नपूर्णा का रुप धारण करके जीवों का कल्याण करती है. देवी भगवती ने जब सृष्टि के निर्माण में अपनी भूमिका को दिखाया तो वह जीवन को चलायमान करने वाली देवी हैं.

जिस प्रकार अन्न शब्द का अर्थ अनाज या भोजन से होता है उसी प्रकार अन्नपूर्ण माता का अर्थ भी भोजन की देवी से ही रहा है. भारतीय संस्कृति में भोजन को पूजा के समान माना गया है, वह सदैव पूजनीय है.

पूर्ण का अर्थ संस्कृत में पूर्ण एवं व्याप्त होने की स्थिति को दर्शाता है. देवी अन्नपूर्णा देवी पार्वती का अवतार हैं और पौराणिक कथाओं अनुसार देवी ने सृष्टि के पालनहेतु पृथ्वी पर अवतरण लिया और अन्नदान  एवं अन्न के महत्व को सभी के समक्ष स्थापित किया है. 

अन्नपूर्णा अष्टमी पौराणिक महत्व 
अन्न पूर्णा अष्टमी का पर्व फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन मनाया जाता है. इस दिन पर भक्त शक्ति की आराधना करते हैं. यह महाष्टमी का समय भी होता है. पौराणिक कथाओं में इस अन्नपूर्णा अष्टमी के महत्व को विस्तारपूर्वक दर्शाया गया है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब एक बार भगवान शिव और माता पार्वती के मध्य संवाद में शिव देवी को ब्रहमांड की माया का वर्णन करते हुए भोजन को भी वह उसी माया का स्वरुप बताते हैं इस कथन को सुन देवी भगवती भगवान के समक्ष अन्न की महत्ता को दर्शाने के लिए लुप्त हो जाती हैं पृथ्वी पर उनके लोप से समस्त प्राणी व्याकुल हो उठते हैं तब देवी काशी में अन्नपूर्णा रुप में उत्पन्न होती हैं और भगवान उन से अन्न ग्रहण करते हुए उनके अस्तित्व को सर्वोपरी मानते हैं. 

अन्नपूर्णा अष्टमी पूजा महत्व 
देवी भगवती को संसार में अन्न पूर्णा के रुप में पूजा जाता है. जो सभी के जीवन की अधिष्ठात्री रुप में मौजूद हैं पृथ्वी पर. देव भगवती सभी जीवों के प्राणों के संचार का मेरुदंण्ड हैं.

अन्न पूर्णा अष्टमी का समय देवी के पूजन एवं लोगों के मध्य भोजन के वितरण का विशेष समय होता है. अन्न दान के द्वारा अष्टमी तिथि पर अन्नपूर्णा अष्टमी मनाई जाती है. भक्त इस दिन व्रत धारण करते हैं तथा कन्याओं को भोजन कराने की प्रथा भी इस दिन विशेष रुप से की जाती है. 

 (Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)