Shattila Ekadashi 2022: षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखने के पहले जान लीजिए यह जरूरी नियम

Shattila Ekadashi Vrat Rules: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का खास महत्व है। कहते हैं कि, सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे कठिन होता है। इसलिए व्रत के नियम का पालन करना जरूरी हो जाता है।

 
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Shattila Ekadashi Vrat

नई दिल्ली, Digital Desk: हिंदू धर्म में एकादशी(Ekadashi Vrat) के व्रत का खाना होता है। ऐसा माना जाता है कि, सभी व्रतों में से एकादशी का व्रत सबसे कठिन व्रत होता है। हर महीने के दोनों पक्षों की एकादशी को एकादशी का व्रत एवं पूजा लोग करते हैं। ऐसी मान्यता है कि हर एकादशी का अपना अलग महत्व होती है। माघ महीने(Magh Month Ekadashi) के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार षटतिला एकादशी 28 जनवरी यानी शुक्रवार के दिन पड़ रही है।

विस्तार:

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु(Lord Vishnu) को समर्पित होता है। शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत रश्मि के सूर्यास्त के बाद से शुरू होकर द्वादशी समाप्त होता है। एकादशी के व्रत में विशेष नियमों का पालन करना अति आवश्यक हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर एकादशी के व्रत में जरा सी भी चूक हो जाती है। तो व्यक्ति को उसका फल नहीं मिलता, अगर आप पहली बार षटतिला एकादशी का व्रत रखने जा रहे हैं, तो पहले इन नियमों को अच्छे से ध्यान दीजिए।

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ख़ास नियम:

• धार्मिक मान्यताओं के अनुसार षटतिला एकादशी का व्रत रखने के 1 दिन पहले से ही मांसाहार और तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए। इतना ही नहीं दशमी के दिन लहसुन और प्याज भी नहीं खाना चाहिए।

• ऐसी मान्यता है कि एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को बैगन और चावल नहीं खाना चाहिए।

• षटतिला एकादशी का व्रत करने की सोच रहे हैं। तो इस दिन तिल का उबटन जरूर लगाई और पानी में तिल डालकर स्नान करिए।

• षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में तिल का विशेष महत्व है। इतना ही नहीं इस दिन तिल का भोग लगाइए।

• षटतिला एकादशी के दिन जो व्यक्ति व्रत रखते हैं। उन्हें फलाहार के साथ तील के बनाए खाद पदार्थ या तिलमिला जल ग्रहण करना चाहिए।

• साथ ही षटतिला एकादशी के दिन तिल का हवन करिए।

• मान्यता है कि, एकादशी व्रत के दिन पूजा के समय व्रत कथा का श्रवण अवश्य करें।