14 दिसंबर को मनाई जाएगी गीता जयंती, जानिए इस पर्व का का खास महत्व

14 दिसंबर को इस बार मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी, इसे गीता जयंती भी कहते हैं। भगवत गीता के साथ-साथ भगवान कृष्णा और वेद व्यास की भी पूजा की जाती है।

 
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14 दिसंबर को है गीता जयंती।

Digital Desk: हिंदू धर्म में तो वैसे कई सारे पुराणों का जिक्र है लेकिन सबसे ऊपर भगवत गीता का नाम आता है भगवत गीता एक पवित्र ग्रंथ है। जिसमें कृष्ण देव द्वारा दिए गए जीवन के ज्ञान एवं जीवन जीने के उद्देश्य के बारे में व्यक्ति को बताया गया है। इस भगवत गीता में जन्म और मरण के बारे में एवं हर प्रकार की बातें बताई गई है। जो एक मनुष्य को जाननी चाहिए अगर उसे एक सुखदाई जीवन जीना है तो। ऐसे में इस बार 14 दिसंबर को मंगलवार के दिन गीता जयंती यानी की मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।

मोक्षदा एकादशी: 

मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवत गीता के अलावा, भगवान श्री कृष्ण और वेद व्यास की भी पूजा की जाती है।

शुभ मुहूर्त:

शुभ समय की शुरुआत 13 दिसंबर की रात 9:32 से शुरू होगी और अगले दिन 14 दिसंबर रात 11:35 तक चलेगी। उदया तिथि के मुताबिक गीता जयंती को 14 दिसंबर को ही मनाया जाएगा।

गीता का महत्व:

गीता का महत्व इस दुनिया में बहुत है। गीता में ही अर्जुन को मार्ग दिखाने वाले भगवान श्री कृष्ण ने कई सारी बातें कही थी। जो हमारे जीवन जीने के लिए एक मूल आधार बन सकती है। इस भगवत गीता में भगवान जीवन का संपूर्ण सार बताया है। ऐसे में गीता में धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यवहारिक ज्ञान की बातें लिखी गई है। जो आज भी महत्वपूर्ण साबित होती है।

पूजन:

• गीता जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के श्री कृष्ण स्वरूप को काम करिए।

• फिर गंगाजल का छिड़काव कर के पूजा स्थान को साफ करिए, इसके बाद चौक बनाकर चौकी पर साफ़ कपड़ा बिछाकर भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा और गीता रख दीजिए।

• इसके बाद भगवान श्री कृष्ण और गीता को जल,अक्षत, पुष्प, धूप, दीप आदि समर्पित करिए और गीता का पाठ करें, अंत में आरती करके पूजा को समाप्त कर दीजिए।