Holi Special : होली स्पेशल पर क्यों किए जाते हैं तांत्रिक कार्य? जाने इनसे बचने के उपाय

Astro, Digital Desk: होली का त्यौहार वैसे रंगों और खुशी का समय होता है लेकिन इस मौके पर तांत्रिक कार्यों, टोने- टोटके जैसे कामों को भी लोग बहुत ज्यादा करते देखे जा सकते हैं, इसलिए बड़े-बुजुर्ग होली के समय के दौरान नजर दोष एवं टोने-टोटकों से बचाव के लिए कई तरह के काम करने की सलाह भी देते हैं. लेकिन आखिर क्यों होली के समय को इन चीजों के लिए उपयोग किया जाता है ओर क्यों तांत्रिक कार्य इस समय पर किए जाते हैं तो इसका जवाब हमें हमारे ग्रंथों से ही प्राप्त होता है.
Holi Tantra Mantra आगम निगम ग्रंथों एवं अर्थवेद में तंत्र एवं मंत्रों के विषय में काफी कुछ वर्णित मिलता है. ज्योतिष एवं धर्म शास्त्रों में कुछ दिनों को तंत्र एवं मंत्र सिद्धि के लिए बेहद अनुकूल माना गया है. इन दिनों में पूर्णिमा और अमावस्या इन दो तिथियों का उल्लेख बहुत अधिक प्राप्त होता है. इस कारण से हिंदू धर्म में अधिकांश त्यौहारों का संबंध इन दोनों तिथियों से रहा है. बेहद महत्वपुर्ण त्यौहार इन तिथियों पर मनाए जाते है, इसके साथ ही इन तिथियों के दौरान स्नान दान ओर पूजन की परंपरा भी रही है, यह सभी बातें वैज्ञानिक आधार पर ही बनी हैं.
चंद्रमा का प्रभाव बढ़ा देता है आकर्षण
पूर्णिमा का समय तंत्र और मंत्र दोनों ही के लिए उपयुक्त रहा है. इसके पीछे कई कारण हैं जिसमें से मुख्य चंद्रमा की ऊर्जा का इस समय सबसे अधिक तीव्र होना विशेष रहा है. ज्योतिष एवं विज्ञान दोनों ही इस बात पर एक रुप से सहमत दिखते हैं की पूर्णिमा के समय चंद्रमा का आकर्षण अधिक होता है ओर पृथ्वी पर उसकी गतिशीलता का असर भी विशेष रुप से दिखाई देता है. विशेष रुप से पूर्णिमा के समय चंद्रमा की शक्ति एवं उसकी ऊर्जा पृथ्वी में मौजूद प्रकृत्ति एवं मनुष्य सभी पर ही अपना असर डालती है. इस समय चीजों में बदलाव भी देखने को मिलते हैं जो समुद्र में आने वाले ज्वार भाटा के रुप में देखा जा सकता है और मनुष्य की मानसिक गतिविधियों एवं उसके स्वास्थ्य पहलूओं पर विचारों पर इस का गहरा असर पड़ता है.
इन कारणों से ही होली का समय बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है तंत्र एवं मंत्र कार्यों को सिद्ध करने के लिए. इस समय पर तंत्र क्रियाओं हेतु कई प्रकार के हवन भी किए जाते हैं उच्चाटन, मारण, वशीकरण जैसे कार्यों को इस समय पर विशेष रुप से किया जाता है. शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों को यदि फाल्गुन पूर्णिमा होली के समय पर किया जाए तो ये बेहद अचूक रुप से काम करते हैं.
होली पर तांत्रिक क्रियाओं से बचने का उपाय
अगर किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव से बचाव चाहते हैं तो जरूरी है की होलिका दहन के दिन होली की अग्नि में पीली सरसों को अपने ऊपर से फेर कर डाल दीजिए ऎसा करने से सभी प्रकार के दोष खुद ब खुद समाप्त हो जाते हैं. होलिका दहन के अगले दिन होली की राख से माथे पर तिलक करना चाहिए ऎसा करने से भी सभी प्रकार के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं. होली के दिन हनुमान जी के समक्ष दीपक जरूर प्रज्जवलित करना चाहिए और घर पर कपुर का धुआं करना चाहिए ऎसा करने से भी सभी प्रकार की नकारात्मकता शांत होती है ओर शुभता का आगमन होता है.
(Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)