Kotar Nath Mandir Mirzapur: कोटार नाथ मंदिर भगवान जहां स्वयं प्रकट हुए थे भगवान शिव

आस्था, Digital Desk: मान्यताओं के अनुसार यहां भगवान शिव की उपस्थित शिवलिंग रुप में भी मौजूद है जो भक्तों की आस्था का केन्द्र रही है. यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भक्तों के विश्वास एवं उनकी भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है. इस मंदिर में दर्शनों के लिए भक्त दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. भारत के इस धार्मिक स्थल का महत्व काफी विशेष रहा है. लोगों की आस्थाओं के अनुसार भगवान यहां स्वयंभू शिवलिंग के रुप में प्रकट हुए थे और आज भी मौजूद है.
मनोकामनाएं होती हैं पूरी
कोटारनाथ मंदिर की आस्था इतनी मजबूत है कि यहां आने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता है. बाबा कोटार नाथ की कृपा दृष्टि सभी भक्तों पर रहती है. कोटार नाथ मंदिर नदी के मध्य में स्थित होने के कारण अत्यंत ही सुंदर एवं न्यनाभिराम दृष्य से भरा हुआ स्थान है. जहां नदी भगवान के दर्शन करती है तथा भगवान को इसी नदी का जल अभिषेक रुप में अर्पित किया जाता है. भगवान शिव के पूजन हेतु लोग यहां पहुंचते हैं वैसे तो नियमित रुप से ही यहां विशेष पूजा आरती होती है किंतु व्रत पर्व त्यौहारों के समय इस स्थान की छठा अलग ही दिखाई देती है.
वर्ष भर लगा रहता है भक्तों का तांता
कोटारनाथ मंदिर की महिमा ऎसी है जी यहां सारा साल ही भक्त पहुंचते हैं. सावन माह में तो यहां भक्तों की भीड़ उड़ पड़ती है ओर शिवरात्रि जैसे मौकों पर यहां मेलों एवं विशेष पूजा एवं धार्मिक कार्यों का आयोजन भी किया जाता है. सरकार की ओर से इन विशेष उत्सवों पर यहां विशेष सुरक्षा व्यस्था भी की जाती है. सावन माह के दौरान भक्त शिवलिंग अभिषेक हेतु भक्त कई किलोमीटर की यात्रा करके यहां आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करके पुण्य लाभ प्राप्त अर्जित करते हैं.
मंदिर में भक्त करते हैं भगवान का गठबंधन
लोककथाओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण काफी प्राचीन है और यहां शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था. यहां भक्त देवी पार्वती एवं भगवान शिव के गठबंधन को भी विशेष रुप से करते हैं. यह एक धार्मिक एवं शुभ कार्य माना जाता है. भक्तों के द्वारा किया गया यह शिव-पार्वती गठबंधन सभी मनोकामनाओं कि पूरा करने वाला भी है.
(Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)