Maha Shivratri Special: इस महाशिवरात्रि पर जाने सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों के बारे में और पाएं पुण्य का लाभ

Jyotirlingas of Lord Shiva: द्वादश ज्योतिर्लिंगों का महत्व पुराणों में प्राप्त होता है जो भगवान शिव का स्वरुप माने गए हैं.
 
 द्वादश ज्योतिर्लिंगों का महत्व
महाशिवरात्रि के पर्व समय देश भर में स्थित भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंग भक्तों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र होते हैं जहां लाखों शृद्धालुओं की भीड़ लगती है


Astro,Digital Desk: हर साल महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भगवान शिव की पूजा हेतु भक्त ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए भारी संख्या में पहुंचते हैं. देश भर के ज्योतिर्लिंगों में इस शुभ दिवस के मौके पर विशेष पूजा अर्चनाएं की जाती हैं. आइए इस महाशिवरात्रि नजर डालते हैं देश ओर देश के बाहर मौजूद इन द्वादश ज्योतिर्लिगों पर और जानते हैं इनके महत्व के बारे में : - 
 

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् 
श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम्
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् .

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से ये प्रथम स्थान पाता है, सोमनाथ मंदिर गुजरात में स्थित है. माना जाता है की इसकी स्थापना चंद्र देव ने की थी और चंद्र का एक अन्य नाम सोम है इसलिए इसे सोमनाथ कहा गया है. 

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
काशी विश्वनाथ भगवान शिव को समर्पित, ज्योतिर्लिंग काशी में गंगा नदी के तट पर स्थित है. महा शिवरात्रि पर्व के अवसर पर दुनिया भर के शिव भक्तों का यहां जमावड़ा देखा जा सकता है.   

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में स्थित है. महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणामूर्ति के रूप में जानी जाती है, महा शिवरात्रि के अवसर पर, भगवान शिव के भक्त भगवान के दर्शनों के लिए विशेष रुप से आते हैं. 

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में स्थित है. पौराणिक कथा के अनुसार, शिव और पार्वती अपने पुत्र कार्तिकेय के करीब रहने के लिए श्रीशैलम में कुछ समय के लिए निवास करते हैं. 

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के पास स्थित है. ओम के स्वरुप में यह  ज्योतिर्लिंग भक्तों के आकर्षण का केन्द्र है. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर यहा भक्त दर्शनों हेतु प्रति वर्ष यहां आते हैं. 
 
केदारनाथ  ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ  ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थिति भगवान शिव का भक्ति पूर्ण स्थान है. इस ज्योतिर्लिंग तक जाना एक चुनौतीपूर्ण यात्रा के रुप में जाना जाता है.  मान्यताओं के अनुसार इसे पांडवों द्वारा निर्मित किया गया था. 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के पुणे नगर में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग देश के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है. भीमाशंकर पहाड़ियों में भीमा नदी के समीप यह  ज्योतिर्लिंग अपनी नागर शैली की वास्तुकला के लिए बेहद प्रसिद्ध रहा है. 

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को बाबा बैद्यनाथ धाम के रुप में भी जाना जाता रहा है. यह ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. ज्योतिर्लिंग को वैद्य अर्थात एक चिकित्सक के रुप में जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार रावण ने इस ज्योतिर्लिंग को स्थापित किया था. 

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
दक्षिण भारत में स्थिति रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भारत में सबसे अधिक पूजे जाने वाले और पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्योतिर्लिंगम को भगवान राम ने स्थापित किया था. 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
गुजरात में द्वारका के पास स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिव पुराण में प्राप्त होता है. पौराणिक कथाओं अनुसार इस ज्योर्तिलिंग पर भगवान कृष्ण स्वयं रुद्राभिषेक किया करते थे.

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के नासिक शहर में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है. मान्यताओं के अनुसार गौतम ऋषि की प्रार्थना पर भगवान शिव यहां त्र्यंबकेश्वर के रूप में स्थित हुए थे. इस ज्योर्तिलिंग के तीन मुख हैं जो भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव के प्रतीक हैं.

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग को धुश्मेश्वर के रुप में भी जाना जाता है. शिव पुराण में उल्लिखित सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक ये महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है. यह भारत में भगवान शिव का सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग मंदिर भी माना जाता है.

 (Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)