Phalgun Purnima 2023 Date And Muhurat: फाल्गुन पूर्णिमा जाने मुहूर्त और होलिका दहन समय भद्रा काल विशेष विचार

Astro, Digital Desk: फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पुर्णिमा, होली, धूलिवंदन, फाग पूर्णिमा, वसंतोस्तव, डोल पूर्णिमा इत्यादि नामों से जाना जाता है. देश भर में इस दिन पर विशेष रुप से पूजा पाठ एवं भगवान श्री विष्णु का पूजन होता है.
फाल्गुन माह पूर्णिमा हिंदू माह के अनुसार नवर्ष के आने से पहले की पूर्णिमा होती है इसके पश्चात चैत्र माह का आरंभ हो जाता है.
फाल्गुन माह की पूर्णिमा के अवसर पर संपूर्ण देशवासियों में रंगों का खुमार चढ़ा हुआ देखा जा सकता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी प्रकार की नकारात्मक उर्जाएं शांत होने लगती हैं, शायद इसी कारण इस दिन हर व्यक्ति एक दूसरे के साथ प्रेम एवं सद्भाव की अनूठी भावना से मिलता दिखाई देता है. फाल्गुन पूर्णिमा का सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पौराणिक महत्व रहा है. यह समय हर वर्ग विशेष पर अपना असर डालता है.
फाल्गुन पूर्णिमा मनाने से पुर्व होलिका दहन किया जाता है और उसके पश्चात रंगों फूलों की बौछार के साथ होली का पर्व भी मनाया जाता है. इस पूर्णिमा को रंगों वाली पूर्णिमा कहना भी गलत नहीं होगा.
फाल्गुन पूर्णिमा देवताओं की अराधना का श्रेष्ठ समय
फाल्गुन पूर्णिमा के धार्मिक महत्व अनुसार इस समय पर समस्त देवी देवताओं के पूजन वंदन का विधान रहा है. इस समय पर सत्यनारायण व्रत को भी किया जाता है जो पूर्णिमा में किस जाने वाले श्रेष्ठ समय को दर्शाता है. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन श्री लक्ष्मी जे के जन्म को भी विशेष माना गया है जिसके अनुसार इस दिन लक्ष्मी जी ने भी अवतरण लिया था, इसी के साथ इस दिन श्री विष्णु लक्ष्मी, एवं राधा कृष्ण, भगवान शिव पार्वती, चंद्र देव एवं नक्षत्रों का पूजन करने का विधान है.
होलिका दहन मुहूर्त और भद्रा काल
Holika Dahan Purnima 2023 Date: फाल्गुन पूर्णिमा का आरंभ 6 मार्च 2023 को 16:19 पर होगा और इसकी समाप्ति 7 मार्च 2023 को 18:11 पर होगी. होलिका दहन का समय प्रदोषकाल में व्याप्त फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भद्रा रहित काल में किया जाता है. इस वर्ष होलिका दहन को लेकर कुछ मतभेद उभर रहे हैं, जिनका निवारण ग्रंथों के अनुसार इस प्रकार होगा. फाल्गुन पूर्णिमा का समय 6 मार्च को प्रदोष व्यापिनी रहेगा, लेकिन 7 मार्च के समय काल एवं स्थान भेद के कारण उत्तर भारत में ये समय प्रदोष में नहीं मिलेगा. 6 मार्च को प्रदोष कल समय पर ही भद्रा भी व्याप्त रहने वाली है.
अब इस स्थिति में 6 मार्च को ही होलिका दहन का समय भद्रा में ही प्रदोष काल दौरान किया जाने का विधान बताया गया है, किंतु उत्तर भारत से अलग उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में जहां सूर्यास्त 18:10 से पहले होगा वहां पर होलिका दहन का समय 7 मार्च के दिन प्रदोष काल समय होगा. होलिका दहन को लेकर यह भेद तिथि गणना के अनुसार पड़ने के कारण ही दो दिन होलिका दहन का योग बन रहा है. इसी प्रकार सत्यनारायण व्रत की भी स्थिति दो दिन रहेगी 6 और 7 मार्च दोनों दिन इस व्रत को स्थान एवं काल भेद के अनुसार रखा जाएगा.
(Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)