Rang Panchami 2023 : होली के बाद आने वाला एक ओर पर्व जो रंग पंचमी के रुप में जाना जाता है, यह होली के पर्व का अंतिम पड़ाव बनता है.

चैत्र मास की कृष्ण पंचमी के दिन ही रंग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. रंग पंचमी के अवसर पर देश भर में कई धार्मिक और रंगारंग कार्यक्रम होते हैं
 
Rang panchami
रंग पंचमी के दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ दर्शनों हेतु पहुंचती है


Astro, Digital Desk: Rang Panchami का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. अपने नाम के अनुसार ही यह पर्व जीवन में रंगों के महत्व को दर्शाता है. लोग इस पर्व के दौरान एक बार फिर रंगों से खेलते हैं. होली का एक बार फिर से आनंद भी इस समय पर पुन: दिखाई देता है. एक-दूसरे पर रंग फेंकते हैं और समान रूप से सुंदर और रंगीन जीवन की कामना करते हैं.

यह चैत्र मास में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि का यह पर्व अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है. यह रंगों और खुशियों का त्योहार है. रंगों के त्योहार के रूप में भी जाना जाने वाला यह त्योहार एक परंपरा के रूप में मनाया जाता है. लोग एक-दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल आदि फेंकते हैं और ढोल बजाकर गीत गाए जाते हैं. सभी घर-घर जाकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. इस दिन लोग अपनी कड़वाहट को छोड़कर एक-दूसरे को प्यार से बधाई देते हैं. दोस्ती दुश्मनी पर हावी हो जाती है. इस दिन रंग लगाए जाते हैं और गीत गाए जाते हैं.

होली के पांचवें दिन मनाया जाता है रंग पंचमी पर्व 
रंग पंचमी का त्योहार होली से बहुत गहरा संबंध माना जाता है. इस दिन भी होली के पर्व की भांति ही लोग एक दूसरे को रंग लगाकर इस पर्व को मनाते हैं. इस दिन लोग भगवान कृष्ण और राधा जी की पूजा करते हैं. राधा और कृष्ण को गुलाल और अबीर लगाकर पूजा की जाती है. रंगों का यह त्योहार मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.  

रंग पंचमी मुहूर्त
इस बार रंग पंचमी का पर्व 12 मार्च 2023 दिन रविवार को मनाया जाएगा. इसे होली के त्योहार की समाप्ति का भी समय माना जाता है. पंचमी तिथि प्रारंभ- 11 मार्च 2023 को 22 बजकर 07 मिनट से आरंभ होगा, पंचमी तिथि की समाप्ति 12 मार्च 2023 को 22 बजकर 02 मिनट पर होगी. इस दिन पर भगवान के साथ होली खेली जाती है. रंग पंचमी के दिन ग्रहों में होगा विशेष बदलाव. इस दिन मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेगा ओर शुक्र का मेष राशि में गोचर होगा. 

(Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)