Shani Amavasya 2021 Date: जानिए कब है शनि अमावस्या, क्या है पूजा की विधि

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या या शनैश्चर अमावस्या कहा जाता है

 
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शनि अमावस्या को बहुत ही ख़ास माना गया है, इस दिन शनिदेव की पूजा करने से भक्तों के सारे दुःख दर्द दूर हो जाते हैं


Shani Amavasya 2021 Date: हिन्दू धर्म में कई दिनों और उस दिन की जाने वाली पूजा को बहुत ही महत्त्वपूर्ण मन जाता है।  उन्हीं में से एक दिन है अमावस्या का दिन। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इसे बहुत ही ख़ास माना गया है। अमावस्या के दिन लोग नदी में स्नान करके पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन दिए गए दान का भी बहुत महत्त्व होता है। इसलिए अमावस्या के दिन निश्चित ही दान पुण्य करना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या या शनैश्चर अमावस्या कहा जाता है। अगली आने वाली अमावस्या भी शनि अमावस्या है। शनि अमावस्या को बहुत ही ख़ास माना गया है। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से भक्तों के सारे दुःख दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही उन्हें विशेष फल की प्राप्ति भी होती है।

शनि अमावस्या का शुभ मुहूर्त (Shani Amavasya 2021 Shubh Muhurat)
मार्गशीर्ष महीने की 4 तारीख को शनि अमावस्या की तिथि है। खैर, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमावस्या का मुहूर्त 3 दिसंबर शाम 4:56 से शुरू होगा और 4 दिसंबर दोपहर 1:13 तक रहने वाला है। क्योंकि इस दिन शनिवार है, इसलिए यह शनि अमावस्या है। इसी दिन साल 2021 का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। हालांकि इस सूर्य ग्रहण का असर भारत में नहीं दिखने वाला है।

शनि अमावस्या की पूजन विधि 
शमी के वृक्ष की पूजा- शनि अमावस्या के अवसर पर ख़ास तौर से शमी के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए ऐसा माना जाता है कि शनि देव को शमी का वृक्ष बहुत ही प्रिय है। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि के दोष से छुटकारा मिलता है। जो लोग शनि की साढ़े साती से परेशान हैं, उन्हें हर शनिवार की शाम  शमी के वृक्ष के नीचे दिया जलाना चाहिए। इससे लाभ मिलता है।

  • हनुमान जी की पूजा- ऐसा कहा जाता है कि, हनुमान जी और शनि देव मित्र हैं। इसलिए शनिवार के दिन यदि आप हनुमान जी की पूजा करें तो उससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और लाभ मिलता है। ऐसा करने से शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है।
  • शिव भगवान की पूजा- ऐसा माना जाता है कि शनि अमावस्या पर शिव जी की पूजा ज़रूर ही करनी चाहिए। इस दिन शिव सहस्त्र नाम का पाठ करना चाहिए और शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र को भी पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से शनि दोष का प्रकोप कम हो जाता है और फल की प्राप्ति होती है। 
  • पीपल के पेड़ की पूजा- यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य ही करें। यह पूजा सबसे ज़्यादा फलदायी मानी जाती है। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिएहर शनिवार की शाम, पीपल के पेड़ के नीचे सरसो तेल का दिया जलाना चाहिए। ऐसा नियमित करने से शनि दोष में लाभ मिलता है। 

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