Somvati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या के दिन पूजा-पाठ, दान और तर्पण करने से मिलता है विशेष फल

इस वर्ष फाल्गुन माह की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ने से यह सोमवती अमावस्या के रुप में जानी जाएगी.
 
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Somvati Amavasya 2023 Date: 20 फरवरी 2023 सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि जब सोमवार के दिन पर पड़ती है तो वह सोमवती अमावस्या कहलाती है.


Astro, Digital Desk: अमावस्या तिथि का महत्व कुछ खास दिनों पर और भी अधिक बढ़ जाता है जब इस तिथि पर कोई विशेष योग निर्मित हो रहा हो अथवा किसी विशेष दिन पर यह घटित हो रही हो. जैसे सोमवार, मंगलवार और शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या बहुत ही विशेष असर वाली मानी गई है. 

सोमवती अमावस्या महत्व 
सोमवार का दिन भगवान शिव के साथ जुड़ा है तथा चंद्र देव को भी सोम स्वरुप माना गया है. इस दिन पितरों का समय होता है. इस समय के दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके निमित्त पूजा पाठ के साथ तर्पण से संबंधित काम भी करते हैं. अमावस्या तिथि के समय् र पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है. माना जाता है की इन पवित्र स्थलों एवं नदियों के दर्शन मात्र से समस्त कष्ट समाप्त हो जाते हैं. गंगा, यमुना, गोदावरी इत्याद नदियों के अलावा धर्म स्थलों जैसे हरिद्वार, प्रयागराज एवं काशी इत्यादि स्थलों पर इस अमावस्या के समय पर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है. 

सोमवती अमवास्या के समय भगवान शिव का पूजन होता है. इस दिन परिवार एवं घर की समृद्धि के लिए उपवास का पालन भी किया जाता है. गरीबों को भोजन की वस्तुएं वितरित की जाती हैं. विशेष रुप से इस दिन खीर का दान गरीबों के मध्य करना बहुत शुभदायक होता है. 

सोमवती अमावस्या से होती है ग्रह दोष शांति 
सोमवार के दिन पड़ने के कारण यह अमावस्या चंद्रमा से संबंधित दोषों की शांति के लिए बहुत उपयुक्त समय होता है. ज्योतिष अनुसार चंद्रमा की कमजोर स्थिति के कारण मानसिक विकार एवं तनाव की स्थिति झेलनी पड़ती है ऎसे में यदि सोमवती अमावस्या के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजन इत्यादि कार्य किए जाएं तो इसके द्वारा कुंडली में मौजूद चंद्र दोष की समाप्ति होती है. 

सोमवती अमावस्या को पितृ दोष जैसे खराब दोषों से मुक्ति के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है. यदि किसी की कुडली में पितृ दोष का प्रभाव है तो उस व्यक्ति को सोमवती अमावस्या के दिन कुछ विशेष कार्यों को करना चाहिए. अमावस्या पूजन एवं अमावस्या के व्रत को करने से दोष शांत हो जाते हैं. 


 (Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)