Shaligram Stone: नेपाल से अयोध्या लाई गई शालिग्राम शिला आखिर क्यों है इतनी खास और क्या है इसके पीछे का रहस्य

राम मंदिर के लिए नेपाल (Nepal) से लाए गए शालिग्राम में है ये बात जो बनाती है इसे बेहद महत्वपूर्ण  
 
Shaligram Stone
राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए उपयोग में लाए गए ये शालिग्राम हैं हजारों साल पुराने जिनकी विशेषता है अमूल्य  


Astro, Digital Desk: शालिग्राम को हिंदू धर्म में भगवान श्री विष्णु का स्वरुप माना गया है. शालिग्राम के विषय में धर्म ग्रंथों में अनेकों तथ्य प्राप्त होते हैं जिसके अनुसार शालिग्राम की महिमा एवं उसके महत्व का उल्लेख प्राप्त होता है. अभी हाल ही में नेपाल (Nepal) से लाए गए शालिग्राम कि चर्चा जोरों पर हो रही है.

यह चर्चा इसलिए भी विशेष है क्योंकि नेपाल से लाई गई शालिग्राम शिला (Shaligram Stone) का उपयोग अयोध्या में श्री राम की प्रतिमा बनाने हेतु होगा. नेपाल से अयोध्या (Nepal Shaligram Stone For Ram Mandir) पहुंची शालिग्राम शिला के पिछे कई सारे तथ्य काम करते हैं जिसके कारण इसका विशेष रुप से उपयोग किया जा रहा है. 
 

शालिग्राम शिला का नेपाल से संबंध
शालिग्राम का संबंध नेपाल (Nepal Shaligram Stone) से इसलिए विशेष है क्योंकि यह शिलाग्राम पत्थर या शिलाएं विशेष रुप से नेपाल में ही प्राप्त होती हैं. शालिग्राम नेपाल कि मुख्य नदी गंडकी से प्राप्त होता है. इस नदी में अनगिनत छोटी बड़ी शालिग्राम शिलाएं पाई जाती हैं. अब इस समय के दौरान नेपाल से शालिग्राम की बहुत बड़ी शिला भारत लाई गए हैं जिसे अयोध्या में श्री राम की प्रतिमा निर्माण में उपयोग करने के लिए लाया गया है.

शालिग्राम को आध्यात्मिक रुप से बेहद विशेष माना जाता है, इसमें मौजूद चमत्कारिक गुण भी इसे विशेष बना देते हैं. अयोध्या मंदिर (Ayodhya Mandir) में स्थापित होने वाली इन शालिग्राम शिलाओं का इतिहास भी बहुत प्राचीन माना जा रहा है जिसके विषय में कहा जा रहा है कि ये शिलाएं लगभग छ:करोड़ साल पुरानी रही हैं. 
 

शालिग्रम का आद्यात्मिक महत्व 
शालिग्राम का वर्ण पदम पुराण एवं अन्य धर्म ग्रंथों में प्राप्त होता है. शालिग्राम को देवी तुलसी के साथ विशेष रुप से जोड़ा गया है. कार्तिक माह में तुलसी पूजन एवं तुलसी विवाह के समय शालिग्राम के साथ ही तुलसी विवाह संपन्न होता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री विष्णु देवी तुलसी के श्राप के कारण ही शालिग्राम के रुप में पत्थर की शिला बन जाते हैं.

जब तुलसी अपना श्राप उन पर से दूर कर देती हैं, तो वे तुलसी को वरदान देते हैं की तुलसी का विवाह उनके इस शालिग्राम रुप से होगा ओर वह सदैव पूजनीय होंगी. इसी प्रकार शालिग्राम के प्रभाव द्वारा सिद्धि, आर्थिक उन्नति एवं जीवन में हर प्रकार की सुख समृद्धि प्राप्त होती है. शालिग्राम में विशेष उर्जा होती है और इसकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह आस पास की नकारात्मक स्थिति को दूर करने वाला होता है.

शालिग्राम के अनेक पहलुओं को देखा जाए तो इस शिला का स्वरुप हर प्रकार से लाभ प्रदान करने वाला माना गया है. 

 Disclaimer: प्रकाशित जानकारी सामान्य मान्यताओं और लेखक की निजी जानकारियों व अनुभवों पर आधारित है, Mirzapur Official News Channel इसकी पुष्टि नहीं करता है)