BellBottom Review: अक्षय कुमार की धमाकेदार एंट्री, विमान के साथ-साथ डूबते सिनेमा को भी बचाती है फ़िल्म बेल बॉटम

अक्षय कुमार की थ्रीलर फिल्म बेल बॉटम अब थिएटर रिलीज हो गई है, जी हां यह फिल्म थियेटर में रिलीज हो गई है और रिलीज होते ही यह धमाल मचा रही है।

 
image source : AKSHAY KUMAR INSTAGRAM

बेल बॉटम इस साल की कोरोनावायरस महामारी में रिलीज होने वाली पहली बड़ी फिल्म है और थिएटर में रिलीज होने के कारण यह बॉलीवुड के डूबते सिनेमा को बचाने के प्रयास में सफल भी होती है।

मुम्बई डिजिटल डेस्क: बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार की नई फिल्म बेल बॉटम अब थिएटर में रिलीज हो गई है। फिल्म रिलीज होने के साथ ही साथ Theaters में धमाल भी मचा रही है। फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है 24 अगस्त 1984 को ICC 691 फ्लाइट दिल्ली से उड़ान भर्ती है और हाईजैक हो जाती है। यह 7 साल में पांचवा अपहरण है, अतीत में अपहरणकर्ताओं ने अपने विमान को लाहौर पाकिस्तान में उतारा इसके बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने बातचीत की और यात्रियों के लिए एक सुरक्षित रिहाई प्राप्त कराने में कामयाब रहे।

इस बार भी फ्लाइट लाहौर चली गई, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यानी कि लारा दत्ता बातचीत के लिए पूरी तैयार है। लेकिन उसे एक रॉ एजेंट अंशुल मल्होत्रा, बेल बॉटम द्वारा रोक दिया जाता है, क्योंकि उनके द्वारा पिछले अपहरण कार्यों पर व्यापक शोध किया है गया है। उन्हें पूरा भरोसा है कि आई एस आई हाईजैक प्रकरण का यह एक मास्टर माइंड है, इंदिरा गांधी और उनकी टीम पहले तो उनपर विश्वास नहीं करती लेकिन वह उन्हें सच साबित करता है।

इंदिरा गांधी को तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया-उल-हक का फोन आता है कि, वह इंदिरा गांधी से पूछते है कि क्या वह बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं। बेल बॉटम की सलाह पर इंदिरा उनसे बातचीत न करने को कहती हैं। इस बात से पाकिस्तान के राष्ट्रपति बौखला जाते हैं इसके बाद आईएसआई अपने सबसे अच्छे लोगों में से एक को लाहौर से हाईजैक ऑपरेशन को संभालने के लिए भेजता है। अब इसके आगे क्या होता है यही पूरी फिल्म में दिखाया गया है।

कहानी को बहुत ही अच्छे तरीके से दर्शाया गया है  अक्षय कुमार के साथ-साथ लारा दत्ता और आदिल हुसैन के किरदार की भी खूब तारीफ की जा रही है।


 



असीम अरोड़ा और परवेज शेख की इस कहानी को बहुत अच्छी तरह से दर्शाया गया है। यह हमारे इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है जिसके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता है इसलिए पटकथा के माध्यम से इसे बहुत ही अच्छी तरह से दर्शाया गया है।


फिल्म के डायरेक्टर रंजीत एम तिवारी का निर्देशन सर्वोपरि है। वह अपनी पिछली फिल्म लखनऊ सेंट्रल की तुलना में के मुताबिक इस फिल्म में भी शानदार फॉर्म में है। वह इस फिल्म को यथा सरल और मनोरंजक रखने की कोशिश करते हैं।


फिल्म का सेकंड हाफ दुबई में चला जाता है और अच्छी तरह से कहानी को पकड़ लेता है। इसी समय कहानी में ट्विस्ट आते हैं और फिल्म में मजा और बढ़ जाता है। उम्मीद के मुताबिक अक्षय कुमार बेहतरीन फॉर्म में है उन्हें बहुत ही अच्छी तरह से दर्शाया गया है। साथ ही साथ लारा दत्ता और आदिल हुसैन के किरदार की भी खूब प्रशंसा की जा रही है।

यह उम्मीद है कि यह फिल्म आपको तालियां बजाने पर मजबूर करेगी ।