Naseruddin Shah ने दिया एक बार फिर विवादित बयान, भारत सरकार की तुलना नाज़ी जर्मनी से की

अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले नसीरुद्दीन शाह हर बार की तरह भारत सरकार पर निशाना साधते हुए, उनकी तुलना नाज़ी जर्मनी से कंपेयर कर दिया।

 
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मुंबई, डिजिटल डेस्क: अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर सुर्खियों में है। हर बार अपने बयान को लेकर विरोध एवं धरना प्रदर्शन का सामना करना पड़ता है। लेकिन इससे वह डरते नहीं और अपनी दिल की बात जरूर करते हैं। इधर फिर उनहोनर एक बड़ा स्टेटमेंट दे दिया। उन्होंने कहा "फिल्म उद्योग बड़े पैमाने पर धार्मिक भेदभाव और इस्लामोफोबिया से अछूता रहता है. लेकिन उस फिल्म को सरकार बढ़ावा देती है, प्रो-एस्टेब्लिशेड फिल्में बनाने के लिए"

 फिल्म डायरेक्टर्स को नाज़ी की विचारधारा एडवर्टाइज करने वाली फिल्में बनाने को कहा जा रहा है। लेकिन जिस तरह से बड़ी फिल्में आ रही है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं।

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि,मैंने भेदभाव को महसूस किया है। मुझे नहीं पता था कि मुस्लिम समुदाय में कभी फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव जला है। मेरा योगदान और मेरे सहभागियों का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। इस इंडस्ट्री में ही भगवान है, वह पैसा। जिसके पास पैसा है, वह सबसे बड़ा, जिसके पास नहीं उसको इज्जत नहीं मिलेगी। करियर की शुरुआत नाम बदलने की सलाह दी गई थी।

बता दें कि हाल ही में नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान और भारतीय मुसलमानों को लेकर कमेंट किया था। जिसकी वजह से उन्हें विवाद का सामना करना पड़ा था। दरअसल, नसीरुद्दीन शाह ने अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भारतीय मुसलमानों के एक वर्ग को इसका जश्न मनाने पर उन्होंने इसकी आलोचना की थी।

नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि जब कोई मुस्लिम नेता का छात्र कोई बयान देता है, तो उसका खूब विवाद किया जाता है। लेकिन जब कोई मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसक बयान दिए जाते हैं, तो कोई कुछ नहीं कहता। एक बार मुझे तो मुंबई से कोलंबो और कोलंबो से रांची तक का टिकट भेज दिया गया था।