जब Osho के लिए फ़िल्म और परिवार छोड़ आए थे Vinod Khanna, पढ़े पूरी कहानी

विनोद खन्ना अपने बॉलीवुड करियर एवं परिवार को छोड़, ओशो के आश्रम जाने का फैसला कर लिया था। इसके बारे में उनके बेटे अक्षय खन्ना ने खुद बताया था।
 
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27 अप्रैल 2017 को ब्लैडर कैंसर की वजह से विनोद खन्ना का निधन हो गया था।

मुंबई, डिजिटल डेस्क: बॉलीवुड के चेयरमैन अभिनेता Vinod Khanna 70 और 80 के दशक में अपने बॉलीवुड करियर के एक ऊंचे मुकाम पर थे। उस समय हर बॉलीवुड फिल्म में बतौर हीरो नजर आते थे। लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने फिल्मों की चकाचौंध को छोड़कर परिवार से दूर रहकर, ओशो के आश्रम में शरण लेने का निर्णय लिया।

कहा जाता है कि Vinod Khanna ओशो के प्रवचन एवं लेख से काफी प्रभावित हुए थे। इसीलिए उन्होंने ओशो के आश्रम में शरण लेने की इच्छा जताई। आश्रम के लोग बताते हैं कि विनोद खन्ना काफी अच्छे नेचर के थे और बड़ी अच्छी मेडिटेशन भी करते थे। ओशो द्वारा विनोद खन्ना को स्वामी विनोद भारती नाम की उपाधि दी गई थी, जहां वे गार्डनर का काम किया करते थे और पौधों को पानी देना, पौधे लगाने का काम किया करते थे।


विनोद खन्ना का भी है कहना था कि उनके अंदर से एक आवाज आई। जिसके बाद उन्होंने ओशो के आश्रम जाने का निर्णय लिया। उनके पुत्र अक्षय खन्ना का कहना है कि वह सिर्फ महज 5 साल के थे, जब उनके पिता ने आश्रम जाने का निर्णय लिया।

अमेरिका के गवर्नमेंट और ओशो के बीच के विवाद को लेकर विनोद खन्ना ने भारत वापस आने का फैसला लिया और उसके बाद उन्होंने वापस फिल्मों में काम करने का निर्णय लिया। विनोद खन्ना ब्लैडर कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित है और 27 अप्रैल 2017 को उनका निधन हो गया। अभिनय के साथ-साथ विनोद खन्ना राजनीति में भी काफी सक्रिय थे और गुरदासपुर पंजाब से सांसद भी थे।