Amrita Pritam Birth Anniversary: एक ऐसी उपन्यासकार जिसे भारत और पाकिस्तान दोनों में मिलता था बराबर का प्यार

अमृता प्रीतम के साहित्य से ज्यादा दिलचस्प रही उनकी निजी जिंदगी.
 
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आज है अमृता प्रीतम की 102 वी जन्मतिथि.


 

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क: पूरी दुनिया में अमृता प्रीतम के पहले तक की खूब प्रशंसा होती है। अपने काम से गए साहित्य को एक नए मुकाम पर ले गई। लेकिन बताया जाता है कि, साहित्य से भी ज्यादा  दिलचस्पकी उनकी निजी जिंदगी रही है। जितनी बार भी हमने जानने की कोशिश करते हैं, हर बार ऐसा लगता है कि अभी तो हमने उनके बारे में कुछ जाना ही नहीं।

रसीदी टिकट में अमृता ने अपने दो सपनों का जिक्र किया था। इन दो सपनों की कल्पना उनके अस्तित्व से जोड़ी गई है। 4 साल की उम्र में सगाई, 16 साल की उम्र में विवाह, 20 साल की उम्र में पहली मोहब्बत, 38 में खुद के उस लिबास से मुलाकात। जिससे वह पिछले 39 वर्षों से प्यार करती आ रही थी।

अमृता का पहला सपना था कि एक बहुत बड़ा किला है।जिसमें लोग उन्हें बंद कर देते हैं, बाहर पहरा होता है। भीतर कोई दरवाजा नहीं मिलता, वह किले की दरबारों को दीवारों को बोलती रहती हैं, पर पत्थर की दीवारे कभी नहीं पिघलता। सारा किला छान मारने के बाद भी, जब कोई दरवाजा नहीं मिलता तो वह जोर लगाकर उड़ने की कोशिश करने लगती है। फिर वह अचानक देखती हैं कि, उनके पैर जमीन के ऊपर होने लगते हैं और वह धीरे-धीरे आसमान में उड़ने लगती है।

अमृता का दूसरा सपना है कि,वह जोर से दौड़ती हैं। उनके पीछे भीड़ लग जाती है,भीड़ उनको पकड़ने की कोशिश करती है। सामने समंदर आ जाता है और वह समंदर पर चलते हुए किनारे पर चली जाती है और बाकी जनती इस किनारे रुक जाती है।

अमृता प्रीतम की साहित्य हृदय में चुभे वह हजारों शूल की तरह है। जिसे वह अपनी कहानी के किरदारों में कहकर निकालती थी और दर्द के उस दरिया पर खुद ही अकेले चला करती थीं ।

अमृता प्रीतम की कुछ सुप्रसिद्ध रचनाएँ- पिंजर, कहानियां जो कहानियां नहीं।