Hindi Diwas 2021: आखिर क्यों मनाया जाता है 14 सितंबर को हिंदी दिवस, जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत
हमारी राजभाषा के दर्जे में अंग्रेजी को हटाकर हिंदी भाषा को चुने जाने पर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। तमिलनाडु में 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे फसाद भी हुए।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क: भारत में 14 सितंबर यानी आज हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को हिंदी भाषा की महत्वता एवं उसकी नितांत आवश्यकता हेतु याद दिलाना के लिए मनाया जाता है। 1949 14 सितंबर के दिन ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था। जिसके बाद अब तक हर वर्ष हिंदी दिवस के तौर पर इसे मनाया जाता है। इस दिन को महत्व देना इसलिए जरूरी है क्योंकि अंग्रेजों से आजादी लेने के बाद यह देशवासियों की स्वाधीनता की एक निशानी है।
भारत जब अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ, तो राजभाषा के चुनाव को लेकर उसके सामने एक सबसे बड़ा सवाल खड़ा था। जैसा कि हम सबको पता है कि भारत हमेशा से विविधताओं का देश रहा है यहां कई सारी भाषाएं और बोलियां हैं। राष्ट्रभाषा के रूप में किस भाषा को चुना जाए यह सबसे बड़ा प्रश्न था। काफी विचार विमर्श करने के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुन लिया गया। संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में चुना।
हिंदी और अंग्रेजी को भाषा चुने जाने पर देश के कई सारे हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। तमिलनाडु में जनवरी के 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे छिड़ गए। हिंदी भाषा को आधिकारिक रूप से राजभाषा चुनने के पहले 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में ही, हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु सुझाव दिए थे।
आज विश्व हिंदी दिवस के कुछ तत्वों की बात करें तो:
• आज 60 करोड़ से भी ज्यादा लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
• 176 विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है।
• 20 से भी ज्यादा देशों में हिंदी भाषा का इस्तेमाल होता है।
• 93% भारतीय युवा हिंदी यूट्यूब पर हिंदी में वीडियो देखते हैं।
• 94% की दर से डिजिटल मीडिया में हिंदी सामग्री की मांग बढ़ रही है।
• साल 2006 से मनाया जा रहा है विश्व हिंदी दिवस।
• 45 अमेरिका के विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाई जाती है।