भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के कारण भारत को मिला एक और ब्रॉन्ज मैडल

टोक्यो : भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन का 69 किग्रा भार वर्ग के सेमीफानल में तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से मुकाबला हुआ। सुरमेनेली के नाम पहले से दो इंटरनेशनल गोल्ड हैं, वहीं लवलीना भी दो इंटरनेशनल ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। इन दोनों महिला मुक्केबाजों का मुकाबला पहली बार हुआ। वहीं सेमीफाइनल मुकाबले में लवलीना बोरगोहेन वर्ल्ड चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ हार गई हैं। लवलीना को 0-5 से शिकस्त मिली। इस हार के साथ लवलीना के अभियान का अंत हो गया है। अब उन्हें कांस्य पदक से संतुष्ट से संतोष करना होगा।
ओलिंपिक के इतिहास में भारत को मेडल दिलाने वाली लवलीना ओवरऑल तीसरी और बॉक्सिंग में मेरीकॉम के बाद पदक जीतने वाली दूसरी महिला महिला बॉक्सर हैं। उनसे पहले 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में विजेंदर सिंह ने ब्रॉन्ज जीता था। उसके बाद 2012 लंदन ओलिंपिक ने मैरीकॉम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लवलीना के लिए कमाल की बात ये रही कि उन्होंने अपना पहला ओलिंपिक खेलते हुए ही मेडल पर पंच जड़ दिया।
लवलीना ने पिछले शुक्रवार को चीनी ताइपे की बॉक्सर को 4-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल पक्का किया था।