भव्य रूप में हुआ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण, जानिए नरेंद्र मोदी ने कैसे की इस लोकार्पण के दिन की शुरुआत
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम पूर्ण रूप से हो चुका है। जिसके बाद अब उसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।

लोकार्पण के पहले नरेंद्र मोदी ने किया नदी का सफर, उसके बाद मां गंगा में लगाई डुबकी।
उत्तर प्रदेश, Digital Desk: समय इंतजार की घड़ी अब समाप्त हो चुकी है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण का काम पूरा हो चुका है और 13 दिसंबर यानी आज नरेंद्र मोदी द्वारा इस मंदिर का लोकार्पण हुआ। नरेंद्र मोदी के आगमन से ही काशी बम-बम बोलने लगी और उनके आने से मानो पूरी नगर में उत्साह मनने लगा। नरेंद्र मोदी ने अपने दिन की शुरुआत वाराणसी पहुंचकर की, जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले बाबा काल भैरव का दर्शन किया। बाबा काल भैरव का दर्शन करने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलकनंदा क्रूज की सवारी की।
कैसे हुई वाराणसी दौरे की शुरुआत:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह वाराणसी पहुंचे थे। जिसके बाद एयरपोर्ट पर श्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा काल भैरव के यहां जाकर पूजा-अर्चना की। यहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें निराश नहीं किया और सबका अभिवादन स्वीकार किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगाघाट जा पहुंचे, वहां पर उन्होंने जल सवारी की, वहां अलकनंदा क्रूज पर जल सवारी का लुफ्त उठाया। कई लोगों ने प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने की इच्छा जताई, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें नाराज नहीं किया और अपनी गाड़ी रुकवा कर दूर से ही उनके साथ तस्वीर खिंचवाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बाद ललिता घाट गए, ललिता घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वहां पर भारी मात्रा में लोगों का उन्होंने अभिवादन किया।
ललिता घाट:
ललिता घाट पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य को अर्घ्य दिया एवं पुष्प माला चढ़ाई। इतनी ठंड के समय में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा नदी में लंबे समय तक रहे और स्नान के बाद पूजा और ध्यान किया। ललिता घाट पर मौजूद लोगों ने बताया कि, काशी की तस्वीर बदल चुकी है, अब पूरी काशी बम बम बोल रही है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे और वहां उन्होंने बाबा की पूजा पूरे विधि विधान से की। बताया जा रहा है कि,लगभग 250 साल से भी ज्यादा के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर को एक नया अवतार मिला है। इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के 12 सीएम और डिप्टी सीएम भी वाराणसी पहुंचे एवं सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।
हज़ारो वर्षो की तपस्या हुई पूरी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया गया। इस समय यहां पर विभिन्न जगहों से तीर्थ गुरु आए थे, साथ ही उत्तर प्रदेश योगी सरकार भी वहां पर मौजूद थी। लोकार्पण के बाद नरेंद्र मोदी ने काशी की जमकर तारीफ की, नरेंद्र मोदी ने बताया कि बहुत से लोग काशी की छवि को धूमिल करना चाहते थे, लेकिन वे नाकामयाब रहे। काशी में केवल बाबा विश्वनाथ की सरकार चलती है और किसी की नहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश सरकार का भी तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। नरेंद्र मोदी ने बताया कि कोरोनावायरस भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम नहीं रुका और योगी जी के नेतृत्व में यह काम बहुत ही कम समय में कंप्लीट हो गया। इसलिए वह योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम का धन्यवाद करते हैं।
मोदी जी आगे बोले कि वे जितनी भी काशी की तारीफ करें उतनी कम है। काशी के लोगों की बात ही अलग है, यहां पर हर एक व्यक्ति में महादेव की छवि देखने को मिलती है। ऐसे में इस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कंप्लीट होने का सारा श्रेय काशी वासियों को जाता है।
नरेंद्र मोदी ने बताया कि काशी विश्वनाथ दर्शन करने के लिए पहले लोगों को बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती थी एवं बड़ी परेशानी भी होती थी, लेकिन अब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बन जाने के बाद लाखों लोग अब एक साथ बाबा का दर्शन कर सकेंगे। जलमार्ग से पहले गंगा माता का दर्शन करने के बाद वह बाबा काशी विश्वनाथ धाम जाकर बाबा का दर्शन कर सकेंगे। नरेंद्र मोदी ने बताया कि औरंगजेब जैसे कई सारे शासकों ने काशी विश्वनाथ पर हमला किया, लेकिन अगर औरंगजेब था तो शिवाजी भी थे। हमें अपने अंदर के राष्ट्र प्रेम को कभी नहीं भूलना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने आगे बताया कि भगवान बुद्ध हो या काशी नरेश, कबीरदास हो, काशी हर धर्मों का एक प्रतीक बना है।
अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक भारतवासी को यह संकल्प लेने को कहा कि, हम नमामि गंगे के प्रोजेक्ट से उसका पालन करेंगे एवं स्वच्छता बरकरार रखेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए वोकल फ़ॉर लोकल के नरेंद्र मोदी ने आधुनिक भारत के संकल्प एक बार फिर याद दिलाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम आजादी के 75 साल में है। आज से 25 साल बाद 100 वर्ष पूरे होने पर हमें पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर होना है। यही हमारा प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। अंत में नरेंद्र मोदी ने "हर हर महादेव" का नाम लेते हुए अपने संबोधन को खत्म किया।