मोदी सरकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी नई पहल, जानिये क्या है फायदे
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केंद्र सरकार ने अब अपने सभी हेल्थ सेंटर को डिजिटल मोड में जोड़ने का फैसला लिया है।

नई दिल्ली: कोविड- 19 की कठिन परिस्थितियों ने स्वास्थ्य एवं उससे जुड़ी सभी कड़ियों, जैसे अस्पताल, हेल्थ सेंटर आदि की एहमियत समझाई है। न सिर्फ आम आदमी, बल्कि सरकार तक को इस बीमारी ने प्रभावित किया है। अस्पताल में इलाज तो मिल जाए, लेकिन अस्पताल से संपर्क कर पाना क्या सबके लिए आसान है? शायद नहीं! लम्बे समय से चली आ रही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की ऐसी ही त्रुटियों को दूर करने पर अब सबका ध्यान है। अमीर हो या गरीब, आम जनमानस हो या फिर कोई सेलिब्रिटी, स्वास्थ्य का मुद्दा सभी के लिए अहम है। इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए, केंद्र सरकार ने 27 सितम्बर को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इसी मिशन के तहत केंद्र सरकार ने अब अपने सभी हेल्थ सेंटर को डिजिटल मोड में जोड़ने का फैसला लिया है। इस पहल के अंतर्गत केंद्र के सभी अस्पताल, लैब, फार्मेसी और रेडियोलॉजी जैसे स्वास्थ्य केंद्रों का डिजिटल हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री में पंजीकरण होगा। साथ ही इनमें काम करने वाले सभी स्थायी और अस्थायी चिकित्सकों का भी पंजीकरण होगा। इस पहल के बाद अब स्वास्थय केंद्रों में होने वाले हर काम का डीजिटल रिकॉर्ड मौजूद होगा।
Speaking at the launch of Ayushman Bharat Digital Mission. https://t.co/OjfHVbQdT7
— Narendra Modi (@narendramodi) September 27, 2021
इस व्यवस्था के तहत सभी अस्पतालों एवं उनके मरीज़ो का रिकॉर्ड रखने के लिए एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) ने 'ई सुश्रुत' नाम का एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के डॉ. प्रवीण गेडान को इस मिशन का निदेशक चुना गया है। मिशन में किसी भी प्रकार की देरी को रोकने के लिए और किसी भी भ्रम की स्थिति में अस्पताल के निदेशक सीधे मिशन निदेशक से संपर्क कर सकते हैं।
राजेश भूषण (केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव) ने सभी अस्पतालों के निदेशकों से यह अपील की है की वह जल्द से जल्द इस डिजिटल पहल का हिस्सा बनें। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी का ज़ोर अब राज्य स्तरीय अस्पतालों पर है। केंद्र सरकार राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों को इस पहल का हिस्सा बनाने में हर तरह की मदद के लिए तत्पर है।
source: जागरण