कोरोना महामारी के बीच आफत बना निपाह वायरस, संक्रमित होने पर नहीं कोई बचने का उपाय

केरल के कोझिकोड में रविवार को निपाह वायरस से संक्रमित एक 12 साल के लड़के हुई मौत
 
nipah virus
निपाह वायरस मई, 2018 में ही केरल में पाया गया था उस समय इसकी वजह से 17 लोगों की मौत

 


डिजिटल डेस्क: लगभग 2 साल से देश कोरोना महामारी का प्रकोप झेल रहा है। कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर ने देश में तबाही मचा दी थी। प्रतिदिन देश में लगभग 4 लाख लोग कोरोना संक्रमित होते और 3 से 4 हजार लोगों की जान भी जाती। ऐसे संकट से निकलने के बाद अब जाकर देश में कोरोना के दैनिक मामलों और मौतों से राहत मिली है। लेकिन खतरा अभी भी टला नही है तीसरी लहर के आने की संभावना पहले ही बता दी गई है। जिसको लेकर देश में कड़ी पाबंदी लगी है और सतर्कता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 

देश के 2 राज्य केरल और महाराष्ट्र अभी खतरे के निशान पर है देश में प्रतिदिन मिलने वालें कोरोना के नए मामलों में आधे से ज्यादा संख्या इन्ही 2 राज्यों से है। अब इसी बीच केरल राज्य में एक और वायरस प्रवेश कर चुका है। इस वायरस का नाम निपाह बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस वायरस के चपेट में आने वाले 40- 50% लोगों की मौत हो चुकी है। केरल के कोझिकोड में रविवार को इस वायरस से संक्रमित एक 12 साल के लड़के की मौत से विश्व स्वास्थ्य संगठन को बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं 2 और लोगों में निपाह के लक्षण पाए गए है जिससे राज्य में दहशत का माहौल है। 

बता दें कि निपाह वायरस मई, 2018 में ही केरल में पाया गया था उस समय इसकी वजह से 17 लोगों की मौत हुई थी। अब राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के मुताबिक बच्चे के साथ संपर्क में आए 188 लोगों में से 20 से ज्यादा बच्चों की हालत गंभीर अवस्था में है। लेकिन यह वायरस क्या है ..कहां से आया है कैसे फैलता है? यह इतना खतरनाक कैसे है वर्तमान समय में यह जानना बेहद जरूरी है ताकि इससे बचने के लिए उचित सावधानियां बरती जा सके।

निपाह वायरस क्या है और यह कैसे फैलता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ निपाह वायरस सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई में पाया गया था। इसके बाद निपाह बांग्लादेश और मलेशिया में भी मिला। यह ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में पहुंचता है और गंभीर बीमारी को जन्म देता है। सबसे यह पहले यह वायरस सूअर के कारण आया। जब बांग्लादेश में इस वायरस की पुष्टी हुई तो पता चला कि जिनमें यह वायरस पाया गया उन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखा था और इस तरल तक वायरस को लेने जानी वाली चमगादड़ थीं, जिन्हें फ्रूट बैट कहा जाता है। इसके बाद यह भी पता चला कि यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान तक भी पहुंच सकता है।

निपाह वायरस के लक्षण 
निपाह वायरस  से संक्रमित व्यक्ति में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ,गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई देते है उसके बाद यह 24-48 घंटों में मरीज़ को कोमा में पहुंचा सकता हैं। इंफ़ेक्शन के शुरुआती समय में सांस लेने दिक्कत होती है किसी मरीज को न्यूरोलॉजिकल की समस्या होती है। सबसे बड़ी बात यह कि कभी कभी इसका पता चल भी नहीं पाता और मरीज की मौत हो जाती है।

ईलाज और सावधानियां
इस वायरस का अभी तक तो कोई ईलाज सामने नही आया है लेकिन अगर आपके शरीर में या किसी भी व्यक्ति के शरीर में इसके लक्षण नजर आए तो तुरंत  RT-PCR टेस्ट करवाए इसके अलावा इस वायरस की पहचान के लिए PCR, सीरम न्यूट्रिलाइजेशन टेस्ट और एलाइज़ा टेस्ट  भी करवाया जा सकता है।

अब जहां तक जानकारी है कि इसका इलाज ही नही है तो बेहतर है कि सूअर और चमगादड़ या इन जानवरों के साथ रहने वालों के आस पास भी ना भटके। बाहर हमेशा मास्क लगाकर रखे और फलों को बीना धोएं या पेड़ों से सीधे तोड़कर ना खाएं। खाने से पहले किसी भी फल को अच्छी तरह साफ करें।