Taliban in Afghanistan : अमेरिका ने छोड़ा साथ, अफगानिस्तान अब तालिबान के हाथ
अफगानिस्तान ने काबुल बॉर्डर को अब चारों तरफ से घेर लिया है, जिससे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी अफगानिस्तान छोड़ तजाकिस्तान जा चुके हैं।

महीनों से चली आ रही अफगानिस्तान में तालिबानी गतिविधियों को तालिबान के फाइटर स्नेहाज अपना अंतिम अंजाम दे दिया है। गाने स्थान पर अब तालिबान का कब्जा हो गया है और सूत्रों की मानी तो सत्ता हस्तांतरण की इस तालिबानी कोशिश के बीच खबर यह आ रही है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ने देश छोड़ दिया है और वह तजाकिस्तान चले गए। वहीं भारत, अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी जैसे देश वहां पैसे अपने देशवासियों को रेस्क्यू करने में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ काबुल और अफगानिस्तान के कई शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है ताकि वहां के नागरिक सुरक्षित रहें।
उधर तालिबान के प्रवक्ता सोहेल शाहीन का कहना है कि, वह चाहते हैं कि अफगानिस्तान सरकार बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण कर दे। दूसरी और खबरों की माने Abdul Mullah Baradar अफगानिस्तान के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं और किसी भी वक्त का ऐलान भी किया जा सकता है।
दरअसल यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अफगानिस्तान और अमरीका ने तालिबानी कैदियों को छोड़ा, उम्मीद थी कि वह छूटने के बाद एक साधारण जिंदगी व्यतीत करेंगे, पर वह तालिबान के मिलिट्री कैंप पर जाकर फिर से ट्रेनिंग करने लगे जिससे तालिबानी ताकत और मजबूत हो गई। देखते-देखते उन्होंने अफगानिस्तान पर हमला बोल दिया, वहीं अमेरिका ने भी अपनी फोर्स को वहां से धीरे-धीरे हटाना शुरू कर दी, जिसकी वजह से अफगानिस्तान अपने आप को बचा नहीं पाई।
भारत के लिए चिंता का विषय?
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर यह कहा कि, अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होना भारत के लिए अच्छा संकेत नहीं है। क्योंकि यह भारत के खिलाफ चीन-पाकिस्तान के गठजोड़ को और मजबूत करेगा। संकेत बिल्कुल भी अच्छे नहीं है, हमें अपनी सभी सीमाओं पर अब अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है।
Afghanistan’s fall to #Taliban doesn’t augur well for our country. It’ll strengthen the Sino-Pak nexus against India (China has already sought militia’s help on Uyghur). The signs are not at all good, we need to be extra vigilant now at all our borders.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 15, 2021
वही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने अफगानिस्तान से अपनी सेना हटाने के निर्णय को सपोर्ट किया है, लेकिन कुछ लोगों का यही कहना है कि ब्रिटेन की सेना हटाने के बाद ही तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा करना शुरू किया।