Vinod Kumar Paralympics : दुखों का पहाड़ पार करके गिरा डिस्कस, भारत की झोली में कांस्य पदक
पिता थे 1971 युद्ध में सिपाही थे बेटे ने किया देश का नाम रौशन
Sun, 29 Aug 2021

लेह में हुए थे घायल टोक्यो में रचा रिकॉर्ड
दिल्ली, डिजिटल डेस्क : 41 वर्षीय विनोद कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत के नाम कांस्य पदक जीता इससे पहले विनोद कुमार ने जीवन से एक बहुत बड़ी जंग जीती है जिसकी कहानी रोंगटे खड़े करने वाली है, विनोद कुमार सीमा सुरक्षा बल में सेवारत थे ट्रेनिंग के दौरान ऊंचाई से गिरने पर उनके पैर हमेशा के लिए खराब हो गया था।
जीवन के शुरुआती दौर में ही यह झटका किसी को भी तोड़ सकता है इस घटना ने विनोद कुमार को लगभग एक दशक के लिए बिस्तर पर पटक दिया इस दौरान उनके पिता और माता दोनों का देहांत हो गया पर जीवन से हार विनोद कुमार ने हार ना मानी।
विनोद कुमार ने छह पारियों 17.46 मीटर 18.32 मीटर, 17.80 मीटर, 19.12 मीटर, 19.91 मीटर, 19.81 मीटर के थ्रो करने में सफलता हासिल की, जिसमें 19.91 सर्वश्रेष्ठ माना गया ये एक एशियन रिकार्ड भी है।
विनोद कुमार ने श्रेणी F52 में प्रतिभाग किया था। इस श्रेणी में वे खिलाड़ी आते हैं जिनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं या उनके पैरों की ऊंचाई अलग होती हैं। विनोद कुमार ने 2016 के स्वर्ण पदक विजेता लतविया को मात देकर कास्य पदक जीता। विनोद के इस पदक से ना सिर्फ एशियन रिकार्ड कायम हुआ बल्कि सैन्य पृष्ठभूमि के कभी हार न मानने का परचम भी बुलंद रहा।
India is rejoicing thanks to Vinod Kumar’s stupendous performance! Congratulations to him for the Bronze Medal. His hard work and determination is yielding outstanding results. #Paralympics
— Narendra Modi (@narendramodi) August 29, 2021
राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारत के हिस्से ये तीसरा पदक है जो की अपने आप में अलग सुखद एहसास समेटे हुए है। उनके साथ भविनाबेन पटेल ने टेबल टेनिस में रजत और निषाद कुमार ने ऊंची कूद में रजत पदक जीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनोद कुमार को उनके सफलता के लिए ट्वीट कर बधाई दी।