Mirzapur News: अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूल की मनमानी, होगी जांच

आरटीई के तहत चयनित लाभार्थियों का स्थलीय सत्यापन भी कराया जाएगा।

 
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बीएसए ने जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।

मिर्ज़ापुर, Digital Desk: मिर्ज़ापुर (Mirzapur) जिले में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत जनपद के निजी स्कूलों में हुए प्रवेश की जांच होगी। आरटीई के तहत प्रवेश लेने में निजी स्कूलों द्वारा आनाकानी की जा रही है, जिस पर सख्त रवैया अपनाया है। बीएसए ने जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। टीम बीएसए द्वारा निर्धारित छह बिंदुओं पर गहन जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। आरटीई के तहत चयनित लाभार्थियों का स्थलीय सत्यापन भी कराया जाएगा(On-site verification of selected beneficiaries will also be done under RTE)

विस्तार:

बीएसए गौतम प्रसाद ने बताया कि

खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार सेंट मेरी स्कूल एवं सेंट जेवियर्स स्कूल, सुनील कुमार वर्धमान पब्लिक स्कूल व सेमफोर्ड स्कूल, राजेश कुमार श्रीवास्तव डैफोडिल्प पब्लिक स्कूल, रविंद्र शुक्ल सेठ द्वारिका प्रसाद बजाज व आदर्श जैन बाल मंदिर और धर्मेंद्र कुमार लायंस स्कूल में हुए प्रवेश की जांच करेंगे।

इन विद्यालयों द्वारा योजना के तहत प्रवेश लेने में भी आनाकानी की जाती है। अपने को अल्पसंख्यक श्रेणी में बताकर बच्चों से अत्यधिक मात्रा में फीस की वसूली की जा रही है। उन्होंने तीन दिन में छह बिंदुओं पर जांच करके रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के पास जनता द्वारा शिकायत की जा रही थी कि,

विभागीय मिलीभगत से अपात्रों का योजना के तहत चयन किया जा रहा है। प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए डीएम ने जांच का निर्देश दिया है।

क्या है आरटीई:

नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर दुर्लभ व अलाभित समूहों के बच्चों को प्रवेश देने का निर्देश दिया गया हैं। इसके लिए निजी स्कूलों को सरकार शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए प्रति बच्चा 450 रुपए प्रतिमाह की दर से अनुदान भी देती है।