Vindhyachal News : मुंडन व यज्ञोपवीत मुहूर्त पर विंध्यधाम में उमड़ी भक्तो की भीड़

मिर्ज़ापुर: गुप्त नवरात्र के दुसरे दिन बृहस्पतिवार को मुंडन व यज्ञोपवीत मुहूर्त के चलते मां विध्यवासिनी के दरबार मे उमड़ी भक्तो की भीड़। गंगा घाटों से लेकर मां विध्यवासिनी के दरबार तक भक्तो का तांता लगा रहा। ऐसे में भक्तो ने दर्शन-पूजन कर मनोकामना की। जय माँ विध्यवासिनी की जयकारे से विंध्यधाम गुंजायमान रहा।
हर कोई मां विध्यवासिनी के दर्शन पाने को बेताब रहा। गोद मे छोटे बच्चे को लिए भक्त आस्था में लीन रहे लाइन में लगे रहे तो कोई प्रसाद लेकर मंदिर की ओर बढ़ता दिखा। गुड़हल, कमल पुष्प व रत्न जड़ित हार से मां विध्यवासिनी का श्रृंगार किया गया था। मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर का कपाट खुला, वैसे ही भक्तो के भीड़ का रेला लग गया पहले ही नारियल-चुनरी, माला-फूल प्रसाद लेकर लाइन में लगे रहे।
माँ के दर्शन के लिएभक्त बेताब रहे किसी ने झांकी तो किसी ने गर्भगृह पहुंच मां विध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया। मुंडन मुहूर्त के चलते गंगा घाटों पर लोगो का जमावड़ा लगा रहा। गंगा स्नान के बाद भक्तो ने बच्चों का मुंडन कराया, उसके बाद माँ विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन किये।
विंध्याचल मंदिर के बड़े श्रृंगारिया ने बताया 1 वर्ष में 4 नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ व आश्विन मास में। माघ व आश्विन मास के नवरात्र गुप्त होते हैं। ये नवरात्र गुप्त विधाओं की साधना के लिए श्रेष्ठ होते हैं। माघ महीने में होने वाली गुप्त नवरात्र 2 फरवरी से 10 फरवरी तक चलेगी।
तीर्थ पुरोहित ने बताया कि गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। ये महाविद्याएं देवी माँ के ही स्वरूप होती है। इन महाविद्याओं के नाम माँ काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बंगलामुखी, मातंगी व कमला देवी। गुप्त नवरात्र में की गई पूजा अर्चना विशेष होती है। भक्त 9 दिन उपवास रख सप्तशती व चालीसा आदि का पाठ कर साधना करते है।
रिपोर्ट- रवि यादव, जिला संवाददाता
मिर्ज़ापुर ऑफिशियल