फूलन देवी को डकैत कहने पर भड़के अखिलेश, कहा "निषाद समाज का अपमान"
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत अपनी चरम सीमा पर है। ऐसे में एक नया विवाद शुरू हो गया है, बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने फूलन देवी को डकैत कह दिया, जिस बात पर अखिलेश यादव अपनी ने नाराजगी जताई।

अखिलेश यादव का तर्क:
सुधांशु त्रिवेदी के इस बयान से अखिलेश यादव काफी नाराज़ हुए। जिस पर अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि,
"भारतीय जनता पार्टी की दलित और महिला विरोधी शोषण के प्रवक्ताओं के मुंह पर आ ही जाती है। स्वर्गीय फूलन देवी जी के खिलाफ अपशब्द बोलकर बीजेपी प्रवक्ता ने संपूर्ण निषाद समाज का घोर अपमान करने की कोशिश की है, लेकिन सपा के प्रवक्ता ने उनकी बोलती बंद कर दी।"
भाजपा की दलित और महिला विरोधी सोच उनके प्रवक्ताओं के मुँह पर आ ही जाती है। स्व. फूलनदेवी जी के ख़िलाफ़ अपशब्द बोलकर भाजपा प्रवक्ता ने संपूर्ण निषाद समाज का घोर अपमान करने की कोशिश की परन्तु सपा के प्रवक्ता ने उनकी बोलती बंद कर दी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 28, 2021
22 के चुनाव में निषाद समाज भाजपा को हरा देगा। pic.twitter.com/6rfD1Wd7B6
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में 1 चैनल की बहस का वीडियो पोस्ट किया। जिसमें बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी मिर्ज़ापुर से दो बार समाजवादी पार्टी की सांसद, फूलन देवी को डकैत कहते सुने गए। अखिलेश यादव ने उनके बयान को महिलाओं का अपमान कहा।
सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहाँ?
एक टेलीविजन की न्यूज़ डिबेट में सुधांशु त्रिवेदी फूलन देवी का जिक्र कर रहे थे। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, फूलन देवी क्या थी?, ऑफिशियल डकैत थी या नहीं?, उन्होंने 20-30 लोगों को खड़ा करके एक साथ गोली मारी थी एवं उनके ऊपर संगीन आरोप भी थे। लेकिन इस बात से समाजवादी पार्टी के प्रमुख भड़क उठे और ट्विटर पर जाकर उन्होंने इस बात का जिक्र किया। वहीं सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने बताया कि, उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के 120 विधायक ऐसे हैं जिनपर संगीन धाराओं में अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अपराधियों को संरक्षण देने वाली भारतीय जनता पार्टी है।
मिर्ज़ापुर से 2 बार सांसद फूलन देवी:
फूलन देवी का जन्म पिछड़े समाज के मल्लाह परिवार में हुआ था। फूलन देवी बीहड़ों से राजनीति के गलियारों तक पहुंची थी, छोटी सी उम्र में फूलन देवी को रूढ़िवादी सामाजिक व्यवस्था में विश्वास रखने वाले 20 लोगों ने बलात्कार कर नंगा घुमाया था। फूलन देवी ने खुद के साथ हुए इस अत्याचार का बदला लिया और सभी लोगों को मौत के घाट उतार दिया। बाद में फूलन देवी ने आत्मसमर्पण कर दिया और समाजवादी पार्टी के टिकट से मिर्ज़ापुर विधानसभा में दो बार सांसद बनी। तभी अचानक एक दिन दिल्ली के आवास पर शेर सिंह राणा नाम के व्यक्ति ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।