आलू और सरसों की फसलों के बचाव के लिए दवा का छिड़काव करें किसान

गलन से पूरे दिन परेशान रहे लोग
 
सरसों के लिए वरदान और आलू के लिए अभिशाप बना मौसम
सुबह धूप हुई लेकिन गलन से नहीं मिली राहत


मीरजापुर, 21 जनवरी (हि.स.)। गलन से पूरे दिन लोग परेशान रहे। शुक्रवार को जिले का न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेंटीग्रेट व अधिकतम 22 डिग्री सेंटीग्रेट रहा। वहीं सुबह में धूप हुई, लेकिन गलन से लोगों को राहत नहीं मिल पाई। बादलों ने शाम को फिर पांव पसार लिए।

बीते कई दिनों से पछुआ हवा के चलते गलन में इजाफा हो गया है। तेज गलन और कोहरे के चलते शुक्रवार को जिले का तापमान छह डिग्री सेंटीग्रेट और अधिकतम 22 डिग्री सेंटीग्रेट पर बरकरार रहने से ठंड में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। सुबह धूप हुई लेकिन वह गलन से निजात नहीं दिला पाई। ठंड से बुजुर्ग और बच्चों का बुराहाल है। मण्डलीय अस्पताल के ओपीडी में कोल्ड डायरियां एवं ठण्ड लग जाने से बीमार मरीजों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। वहीं बच्चों का वार्ड फुल हो गया है।

बीते सप्ताह भर से हल्की धूप होने से फसलों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है। खासकर आलू, मटर और सरसों की फसलों के लिए मौसम मुसीबत साबित हो रहा है। इन फसलों में झुलसा रोग और सरसों में माहू कीट का प्रकोप लग सकता है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बरकछा स्थित राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के कृषि वैज्ञानिक डा.एसएन सिंह का कहना है कि आलू की फसलों में झुलसा रोग लगने की संभावना बढ़ गई है।

मटर की फसलों में पाला लग सकता है। वहीं मौसम साफ न होने के कारण सरसों की फसलों में माहू कीट तेजी से लगेंगे। ऐसे में किसान आलू और सरसों की फसलों के बचाव के लिए दवा का छिड़काव करें। आलू में डायथेन एम-45 का छिड़काव काफी लाभदायक साबित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर