मिर्ज़ापुर : सुलभ शौचालय पर अवैध कब्जा कर बनवाया गोदाम

अब लगभग 37 वर्षों बाद शहर के रोडवेज, कचहरी के ही सुलभ शौचालय दिख रहे हैं
 
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तरकापुर, भैंसा गोदाम पक्की सराय, कोनिया घाट आदि स्थानों के सुलभ शौचालय या अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं


मीरजापुर, 21 जनवरी (हि.स.)। नगरवासियों की सुविधा के लिए 37 साल पहले बनवाए गए सुलभ शौचालयों पर अब वणिकों के गोदाम तो गरीबों के आशियाने आबाद हैं। शहर की बेशकीमती भूखंडों पर तब की जरूरत के हिसाब से सुलभ शौचालयों का गंगा कार्य योजना के तहत निर्माण कराया गया। लेकिन इन पर कब कब्जा कर लिया गया इसकी नगर पालिका परिषद को भनक तक नहीं लगी।

गंगा एक्सन प्लान के तहत तत्कालीन कार्यदायी डच संस्था की ओर से गंगा कार्य योजना के लिए नगर के लगभग दस पुराने शौचालयों के स्थान पर नया शौचालय और लगभग 11 नये सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। निर्माण के बाद कार्यदायी संस्था की ओर से सुलभ इंटरनेशन को 30 वर्षों के लिए सुलभ शौचालयों के संचालन व रख-रखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई। अब लगभग 37 वर्षों बाद शहर के रोडवेज, कचहरी के ही सुलभ शौचालय दिख रहे हैं। जबकि शहर के पास इलाके सिटी कोतवाली के पास के सुलभ शौचालय पर व्यवसाइयों ने अवैध रूप से कब्जा कर उस पर गोदाम बना लिए हैं।

इसी प्रकार नगर के तरकापुर, भैंसा गोदाम पक्की सराय, कोनिया घाट आदि स्थानों के सुलभ शौचालय या अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं या तो आसपास के लोगों ने कब्जा कर रखा है। आरोप तो यहां तक हैं कि जिस संस्था को जिम्मेदारी दी गई उसने सुलभ शौचालयों की संरक्षण की दिशा में पहल नहीं की। नगर पालिका परिषद अपनी सम्पत्ति से भी हाथ धो बैठा। अब हालत यह हो गई है कि पालिका को नये निर्माण के लिए जमीन ही नहीं मिल रही है। हालांकि इस बीच स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिंक शौचालय, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। बावजूद इसके जमीन खाली होती तो उन पर जरूरत के हिसाब से निर्माण कराए जाते।

जांच कर की जाएगी कार्रवाई

ईओ नगर पालिका परिषद ओम प्रकाश ने बताया कि सुलभ शौचालयों पर किए गए अवैध कब्जे की जांच करवा नगर पालिका की सम्पत्ति का सीमांकन किया जाएगा। इसके बाद जिला प्रशासन के सहयोग से खाली करवाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर