स्वर्ग सा सुंदर और पर्यटन का खज़ाना है मिर्ज़ापुर, जानिए प्रकृति की इस खूबसूरत जगह की ख़ासियत

बनारस और प्रयागराज के बीच बसा जिला मिर्ज़ापुर प्राकृतिक सुंदरता से संपन्न होने के बाद भी उपेक्षित है। लेकिन प्रकृति ने दिल खोलकर इस ज़िले पर खजाना लुटाया है।

 
image: times of india
मिर्ज़ापुर में प्रकृति का खजाना।

मिर्ज़ापुर, Digital Desk: मिर्ज़ापुर जिला(tourism in mirzapur) प्राकृतिक धरोहरों से संपन्न है। प्रकृति ने यहां दिल खोलकर खजाना लुटाया है। गंगा नदी समेत नदियां विंध्य पर्वत दर्जनों जलप्रपात एवं जंगल यहां सब कुछ है। लेकिन यहां के राजनेता विकास को हमेशा अनदेखा करते रहे , कुछ राजनेताओं ने इस पर काम किया है, लेकिन इस प्राकृतिक सुंदरता को पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध करना यहां के नेताओं एवं प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। मिर्ज़ापुर एक पवित्र स्थान है, जहां पर विंध्य पर्वत और मैदान इलाके में गंगा नदी के साथ मिलन होता है। ऐसे में इस जगह को काफी पवित्र माना जाता है।

सात समंदर पार से आते है मेहमान:

विदेशी साइबेरियन पक्षी(siberian birds in mirzapur) बिना पासपोर्ट दिए ही इस जिले में आकर महीनों तक प्रवास करते हैं। पर्यटन उद्योग(tourist place in mirzapur) की अपार संभावना होने के बाद भी बाहरी सैलानियों का ना आप आना उद्योग की मंशा पर चोट पहुंचा रहा है।

बातें होती है, प्रशासन कागज पर है, लेकिन वह कागज पर ही सीमित रह जाते हैं। उत्तर प्रदेश को काटकर उत्तराखंड का गठन किया गया था। तब लोगों को लगा कि, प्राकृतिक संपदा की भरपाई करने वाला मिर्ज़ापुर है न, लेकिन आज भी यह ज़िला पर्यटन के विकास के लिए तरस रहा है। यहां पर घूमने की इतनी जगह है कि, अगर ध्यान दिया जाए तो यहां पर्यटन का विकास हो सकता है।

पर्यटन:

मिर्ज़ापुर की पवित्र भूमि है, जहां पर विंध्य पर्वत(mirzapur vindhyachal) और मैदानी इलाके मैं पवित्र गंगा नदी का मिलन होता है। पुराणों के अनुसार विंध्य क्षेत्र जैसा परम और दिव्य दूसरा स्थान पूरे ब्रह्मांड में कहीं नहीं है। लोग इस प्रकृति के खजाने को पाकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

लोगों का ऐसा मानना है कि अगर इस पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह मिर्ज़ापुर पर है। पहाड़ से जब जल टकराकर एक संगीत पैदा करता है, तो यह लोगों को परम आनंद की अनुभूति देता है। इसीलिए कहा जाता है कि प्रकृति के इस खजाने में पर्यटन की तमाम संभावना है। लेकिन यहां के प्रशासन एवं राजनेताओं को थोड़ी और मेहनत करनी होगी, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।