Mirzapur News: लक्ष्मण आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाये जाने से हाजीपुर गांव में खुशी का माहौल

मिर्ज़ापुर, अदलहाट: जनपद के अदलहाट थाना क्षेत्र के हाजीपुर ग्राम निवासी व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रयागराज प्रभारी लक्ष्मण आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल (Governor of Sikkim 2023) बनाये जाने पर गाँव में जश्न का माहौल है।
लक्ष्मण आचार्य एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। आचार्य उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य पर पार्टी ने हमेशा से ही भरोसा जताया है। संगठन के साथ ही संघ में उनकी गहरी पहचान के कारण उन्हें काफी सशक्त माना जाता रहा है।
भाजपा पार्टी व संघ में रहा महत्वपूर्ण योगदान-
साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी तैयारियों में और 2019 के चुनावों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिली थी। सक्रिय राजनीति का लगातार हिस्सा रहने के कारण उन्हें पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पहले विधान परिषद सदस्य के रूप में लक्ष्मण प्रसाद आचार्य पर पार्टी दो बार भरोसा जता चुकी है। संघ पृष्ठभूमि से जुड़े आचार्य मत्स्य विभाग निगम के अध्यक्ष भी रह चुके है। लक्ष्मण प्रसाद को प्रधानमंत्री ने अपने मंच पर स्थान देकर उनकी महत्वता को व्यक्त किया था।
यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के लिए महामहिम राष्ट्रपति जी, आदरणीय प्रधानमंत्री जी, श्रद्धेय गृह मंत्री जी (भारत सरकार) के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
— Laxman Acharya (@Laxmanacharya54) February 12, 2023
माननीय प्रधानमंत्री जी के लिए लुक ईस्ट पॉलिसी के अंतर्गत पूर्वोत्तर राज्यों का विशेष महत्व है।
आचार्य का कार्यकाल-
लक्ष्मण प्रसाद आचार्य (Lakshman Acharya) 1977 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित होने वाले सरस्वती शिशु मन्दिर में बतौर शिक्षक सक्रिय रहे है। उन्होंने राम मन्दिर आन्दोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूर्वांचल में गैर ओबीसी वोट बैंक के बीच भाजपा की मजबूत पकड़ बनाने में इन्होंने काफी काम किया है। लक्ष्मण आचार्य आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के मूल रूप से रहने वाले है। इनका परिवार रामनगर वाराणसी में रहता है। वह खरवार जनजातियों से संबंधित है।
अदलहाट के हाजीपुर ग्राम निवासी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम का राज्यपाल बनाये जाने पर उनके बड़े भाई श्रीराम ने कहा कि "बहुत ही छोटे परिवार में पैदा होने वाला मेरा छोटा भाई राज्यपाल बना उसमें प्रसन्नता न व्यक्त कर मैं भावुक हूं। मैं अपने पिता जी (स्व० काली दास खरवार) के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं तथा यह सब कुछ पिता जी के भक्ति का फल है"। आचार्य का प्राथमिक शिक्षा गांव में लेने के बाद जूनियर हाईस्कूल भुइली तथा हाईस्कूल व इण्टर की शिक्षा रामनगर वाराणसी में प्राप्त कर कालीदास शिक्षण संस्थान से आचार्य की उपाथि मिली।
उनके भाई राम ने बताया कि "पिता जी राम लीला के प्रेमी रहे, राम लीला देखने के लिए 1947 में अयोध्या रामनगर में मकान बनवाया, आज भी गांव से लगाव है, गांव में खपरैल का मकान है।
राज्यपाल बनाये जाने के खबर पर ग्राम प्रधान धनन्जय जायसवाल, पूर्व प्रमुख आनन्द सिंह, पूर्व प्रधान सन्तोष मौर्य, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित पाण्डेय, कौशल पति जायसवाल तथा अन्य लोगों ने उनके घर पर बड़े भाई श्रीराम को माला पहनाकर तथा मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।