Mirzapur News: जिले में धूमधाम से मनायी गयी युवाओं के प्रेरणाश्रोत महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती

मिर्ज़ापुर, Digital Desk: पतंजलि युवा भारत एवं विंध्य योग सेवा धाम ट्रस्ट के संयुक्त त्वाधान में सेंट जोसेफ स्कूल में महान समाज सुधारक ओजस्वी संत आर्य समाज के संस्थापक व आज के युवाओं के प्रेरणा स्रोत महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जहाँ सभी छात्र-छात्राओं ने ऋषिवर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं उनके विचारों को रखते हुए उनके गाये हुए भजनों का भी गुणगान किया।
इस अवसर पर विनायक सेवा धाम ट्रस्ट के संस्थापक ने कहा कि दयानंद सरस्वती एक समाज सुधारक थे जिन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए अनेकों अनेक सराहनीय कार्य किये, दयानंद सरस्वती को आर्य समाज के गठन का श्रेय दिया जाता है, 1876 में स्वराज शब्द गढ़ने वाले दयानंद सरस्वती पहले व्यक्ति थे जिसका अर्थ था भारतीयों के लिए भारत। इस शब्द को बाद में लोकमान्य तिलक ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी लड़ाई में अपनाया था।
प्रबंधक रतन जॉनसन ने कहा कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार युवा पीढ़ी के रोल मॉडल महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को हुआ था और इस दिन को हर साल उनकी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि "होगा न कोई दूजा ऋषिवर महान जैसा, महर्षि दयानंद सरस्वती के जैसा कोई दूजा अब ना होगा" उन्होंने कहा कि "मनुष्य को मनुष्यता का बोध करा कर सभी भारतवासियों को एक ही माला की मोती में पिरोने का सुंदर कार्य रिसीवर दयानंद सरस्वती ने बहुत ही सुंदर तरीके से एवं सुव्यवस्थित ढंग से किया था"।
योगगुरु ने कहा कि उनके वचन तथा उनकी सुव्यवस्थित सुंदर जीवनशैली अगर आज के युवा अपनाये तो जीवन में हर उस लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं जो उनके जीवन का धेय्य है। कार्यक्रम का संचालन कर रही मुख्य महिला केंद्र प्रभारी संगीता व्यास ने कहा कि भारत भूमि पर जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से सीख लेकर मनुष्य अपने जीवन को उन्नत बनाकर परम लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है। इस अवसर पर प्रवीण मौर्य, मुकेश,आयुषी, मानसी, सनाया, ज्योति, रितिका, नंदिनी,अभिमन्यु, विवेक, संदीप,राहुल व समस्त शिक्षक/शिक्षिकागण आदि लोग उपस्थित रहे।