Mirzapur News: दुनिया के पहले ग्रीन बायो हाइड्रोजन प्लांट की तीन मार्च को पड़ेगी आधारशिला

मिर्ज़ापुर, अदलहाट: जनपद विश्व में इतिहास रचने के मुहाने से बस चंद कदम दूर खड़ा है, जहां शक्तेशगढ़ (रामपुर) में दुनिया के पहले ग्रीन बायो हाइड्रोजन प्लांट का विद्वत्तजनों एवं बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में तीन मार्च को आधारशिला रखी जायेगी। विश्व का सबसे पहला बायोमास (हरित अवशेष) से चलित हाइड्रोजन प्लांट 15 अगस्त तक स्वचालित हो जाएगा।

वास्तव में इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस ऊर्जा व ईंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता व फॉसिल फ्यूल (जैविक ईंधन) व पेट्रोलियम के उपभोग से आज़ादी का अवसर लेकर आएगा, ये कहना है नरायनपुर ब्लॉक के नियामतपुर कला गांव निवासी एवं आईआईटी (बीएचयू) के हाइड्रोजन वैज्ञानिक व बीजेल ग्रीन एनर्जी के संस्थापक डॉ. प्रीतम सिंह का, विदेश से लौटे और अब आईआईटी बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीतम सिंह ने फसलों के अवशेष यानी 'पराली' से दुनिया का सबसे शुद्ध हाइड्रजोन बनाने का कारनामा कर दिखाया है। प्रोफेसर प्रीतम सिंह ने मिर्ज़ापुर के सक्तेशगढ़ में बायोहाइड्रोजन उत्पादन का ये अनोखा प्लांट बनाया है और अब उनका दावा है कि 'पराली' से कुछ घण्टों में हाइड्रोजन तैयार होगा जो मार्केट रेट से काफी सस्ता होगा.
सीएम योगी के प्रयास से प्रदेश में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का पहला सफल देश को पहला बायोमास आधारित औधौगिक ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के रूप में मिलने जा रहा है। अरण्यक फ्यूल एंड पावर मिर्ज़ापुर जिले में बायोमास आधारित हरित हाइड्रोजन संयंत्र पर 50 करोड़ रुपये प्रति टन प्रति दिन के हिसाब से काम करेगा। 15 अगस्त को हरित हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू करने के लिए निर्धारित है, भारत की पहली व्यावसायिक-पैमाने पर बायोमास-आधारित हरित हाइड्रोजन परियोजना होगी।
डॉ.राजू सिंह जर्नलिस्ट मिर्जापुर