Mirzapur: चिकित्सीय शोध के लिए कवि, व्यंगकार एव साहित्यकार इंजीनियर प्रेमनाथ सिंह "घायल" के पार्थिव शरीर का देहदान

13 फरवरी को हुए उनके आकस्मिक निधन से साहित्यिक समाज को काफी क्षति हुई है
 
इंजीनियर प्रेम नाथ सिंह "घायल"
साहित्यिक समाज को अपनी लेखनी से गौरवान्वित करने वाले प्रेमनाथ सिंह "घायल" वरिष्ठ कवि, व्यंगकार एवं साहित्यकार के साथ एक सिविल इंजीनियर थे


मिर्ज़ापुर,चुनार : उत्तर मध्य रेलवे सूबेदारगंज में सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता सिविल इंजीनियर प्रेम नाथ सिंह "घायल" ने युग दधीचि देहदान संस्थान के माध्यम से राष्ट्रहित में इस सदी के पवित्र अनूठे आंदोलन युग दधीचि देहदान अभियान के अंतर्गत चिकित्सा शोध के लिए मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज (Moti Lal Nehru Medical College, Prayagraj) को देहदान कर दिया गया।

बताते चलें कि सहसपुरा चुनार मिर्ज़ापुर (Chunar Mirzapur) के निवासी साहित्यिक समाज को अपनी लेखनी से गौरवान्वित करने वाले इंजीनियर प्रेमनाथ सिंह "घायल" (Er Premnath Singh Ghayal) वरिष्ठ कवि, व्यंगकार एवं साहित्यकार के साथ एक सिविल इंजीनियर थे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रेमनाथ सिंह नगर स्थित आईईआरटी के पुराछात्र के साथ एएमआई कोलकाता के मेंबर भी थे। इनके कई साहित्यिक कृतियां जैसे उपन्यास- विवाहित पत्नी, मुंह दिखाई, बेचारा कुंवारा व हास्य कहानियां- नौकरी की तलाश, कविता संग्रह- जखमे जिगर सुर्खियों में रही हैं। साहित्यिक योगदान के लिए उनको दर्जनों सम्मान और कई मानद उपाधि से विभूषित हुए हैं।

साहित्यकार इंजीनियर प्रेमनाथ सिंह
राज्यपाल महामहिम केशरीनाथ त्रिपाठी के हाथों भारती शिखर सम्मान से अलंकृत प्रेमनाथ सिंह को हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की मानद उपाधि "साहित्य महोपाध्याय" से भी सम्मान मिल चुका है। आकाशवाणी प्रयागराज केंद्र से कविताओं के प्रसारण के साथ-साथ इसकी कई साहित्यिक रचनाएं देश के प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। जिसमे राष्ट्र भाषा गौरव सम्मान एवं भारतीय शिखर सम्मान प्रमुख अलंकरण शामिल हैं।

Er Premnath Singh Ghayal
उनके इस असामयिक निधन से साहित्यिक समाज को काफी क्षति हुई है। खंड अभियंता मोहित सिंह, इंजिनियर नवीन वर्मा, खंड अभियंता सिविल रेलवे अभिनव शुक्ला ने गहरा दुख प्रकट किया है।