मिर्ज़ापुर में अब नहीं होगी कूड़ा निस्तारण की समस्या, अब जनवरी से रिसायकल होगा कूड़ा

मिर्ज़ापुर में अब कूड़े की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा। क्योंकि अब मिर्ज़ापुर में एमआरएफ सेंटर बनाया जाएगा जिसमें कूड़ा रिसायकल हो जाया करेगा।

 
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जनवरी से शुरू होगा यह कार्य।

मिर्ज़ापुर, Digital Desk: मिर्जापुर के शहरी इलाके में इतना कचरा जमा हो जाता है कि ,लोगों को सफर करने में तकलीफ होती है और बदबू से इतना बुरा हाल हो जाता है कि लोगों का सांस लेना भी दुश्वार हो जाता है। ऐसे में मिर्ज़ापुर के शहरी इलाकों में अब लोगों को कचरे से निजात मिलेगा।

ख़त्म होगी कूड़े की समस्या:

बताया जा रहा है कि, जनवरी महीने से कूड़े को रिसायकल करने का काम किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि, मिर्ज़ापुर के शहरी इलाकों में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी बनाई जाएगी। जिसके तहत अब डंपिंग ग्राउंड पर कूड़े के ढेर नजर नहीं आएंगे। इस सेंटर में सूखे एवं गीले कूड़े को अलग-अलग किया जाएगा और फिर गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी और सूखे कूड़े को निजी फर्म को बेच दिया जाएगा। इससे दोनों काम होंगे, मिर्ज़ापुर में स्वच्छता भी रहेगी एवं नगरपालिका की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

कूड़े की कोई व्यवस्था नहीं:

देखा जाए तो मिर्ज़ापुर में कूड़े की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क हो गली और मोहल्ला हो या फिर माता का दरबार ही क्यों न हो वहां पर कचरे का भरमार लगा रहता है, जिसके कारण मिर्ज़ापुर की सुंदरता दबी रह जाती है। ऐसे में इस प्रक्रिया के जरिए शहर में कूड़ा नहीं जमा होगा और स्वच्छता बनी रहेगी। पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए अब कूड़ा फेंकना एवं जलाना प्रतिबंधित हो गया है। यानी कि अब नगर पालिका परिषद के द्वारा सड़कों, गलियों और पटरियों पर कूड़ा फेंकना और जलाना मना है।

33 लाख़ का प्रोजेक्ट:

बताया जा रहा है कि एमआरएफ सेंटर दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। जिसमें 33 लाख़ रुपए की कुल लागत लगी है। जनवरी से इस में कार्य प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी और कूड़े की समस्या भी खत्म हो जाएगी। पहले वन विभाग के कारण इस कार्य को रोक दिया गया था और यह पहले बरकच्छा में बनने वाला था। लेकिन अब सब सही है और एमआरएफ सेंटर बनने के बाद शहर साफ सुथरा दिखेगा और नगरपालिका की आय में भी वृद्धि होगी।