परीक्षा केंद्र बनाने वाले 113 माध्यमिक विद्यालय फ़ेल, किसी प्रकार की सुविधा नहीं है उपलब्ध

यूपी बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली है। ऐसे में परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाए जा रहे थे, लेकिन महाविद्यालय व्यवस्था के नाम पर पूरी तरह फेल हो चुके हैं।

 
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113 माध्यमिक विद्यालय फ़ेल।

भदोही, Digital Desk: प्रदेश में यूपी बोर्ड द्वारा आयोजित हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा 22 तारीख से शुरू होने वाली है। ऐसे में परीक्षा प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारियों की जा रही है। प्रशासन की तरफ से इन परीक्षाओं को आयोजित कराने के लिए अलग-अलग जगह पर एग्जाम सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिनके लिए विद्यालयों को चुना जा रहा है। लेकिन ऐसे में एक हैरतअंगेज खबर सामने आई है कि, भदोही स्थित 113 माध्यमिक विद्यालय व्यवस्था प्रदान कराने में फेल हो चुके हैं। यहां पर न सीसीटीवी कैमरा है और नाही किसी प्रकार की सुविधा। ऐसे में अब इनके खिलाफ कार्यवाही एवं जांच होगी।

घोटाले में 100 नंबर, व्यवस्था में 0:

बताया जा रहा है कि परीक्षा के लिए बनाने वाले परीक्षा केंद्र के मानक पर जिले के 113 माध्यमिक विद्यालय फेल हो चुके हैं। इसमें 33 राजकीय विद्यालय है, 2 मॉडल स्कूल है, वहीं राजकीय विद्यालय जगरनाथपुर के अलावा वित्तविहीन मान्यता प्राप्त हाई स्कूल के 40 इंटरमीडिएट स्तर के करीब 20 विद्यालय भी शामिल है। भांडा फूटने पर अब जिला प्रशासन जांच में जुट गई है। किसी भी विद्यालय में सीसीटीवी कैमरा तक नहीं पाया गया। जिले क्षेत्र 2 राजकीय इंटर कॉलेज 33 राज्यकीय स्कूल, 30 साशकीय सहायता प्राप्त सहित वित्तविहीन को मिलाकर कुल 183 माध्यमिक विद्यालय संचालित है। बताया जा रहा है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा आयोजित कराने के लिए इन विद्यालयों को एग्जाम सेंटर के रूप में तब्दील करना था। व्यवस्था एवं मानक की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 33 राजकीय हाई स्कूल इसमें पूरी तरह फेल हो चुके हैं, आवश्यकताओं के मुताबिक यह विद्यालय खरे नहीं उतरे।

बाथरूम तक की सुविधा नहीं:

रिपोर्ट के मुताबिक इन स्कूलों में फर्नीचर, विद्यालय में शौचालय, गेट पर चौकीदार एवं विद्यालयों को जाने के लिए रास्ता यह सब सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक नंदलाल गुप्ता ने बताया कि, जिला प्रशासन की ओर से समस्त तहसीलों से संबंधित एसडीएम के निर्देश में कराई गई, जांच में 80 स्कूल ही मानक पूरा करते हुए पाए गए। जिनकी ऑनलाइन फीडिंग कराई जाएगी एवं अन्य विद्यालय जो आवश्यकताओं पर खरे नहीं उतरे उनके खिलाफ जांच होगी।