Uttar Pradesh News: शाहजहांपुर में 25 साल बाद आया फ़ैसला, आटे में मिलाया था ज़हर
आटे की रोटी बनाकर खाने के बाद सभी के पेट में अचानक दर्द शुरू हुआ था। किसी को भी नहीं मालूम था कि, जाते हुए साल के आखिरी महीने की यह रात उनके जीवन की आखिरी रात होगी।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: यूपी (Uttar Pradesh) के शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में 25 साल के बाद कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। दरअसल, 31 दिसंबर 1996 में जहरीला आटा खाने से 14 लोगों की मौत के मामले में जज ने दो लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायालय द्वितीय के न्यायाधीश अखिलेश पाठक ने 2 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा के साथ 60-60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि,
"चक्की में जहरीले गेहूं के पीसने के बाद बने आटे की रोटियां खाने से मजदूर, उनके बच्चे और महिलाओं की मौत हो गई थी।"
25 साल पुराना मामला:
बता दें कि, शाहजहांपुर (Shahjahanpur News) में साल 1996 के आखिरी महीना की आखिरी रात 14 लोगों के लिए काल बनकर आई थी। रोजा थाना क्षेत्र के ईंट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों और आसपास के लोगों ने शाम को दो दुकानों से आटा खरीद लिया था। आटे की रोटी बनाकर खाने के बाद सभी के पेट में अचानक दर्द शुरू हुआ था। किसी को भी नहीं मालूम था कि, जाते हुए साल के आखिरी महीने की यह रात उनके जीवन की आखिरी रात होगी। करीब 25 लोगों ने जहरीले आटे की बनी रोटियां खाई थीं और सभी बीमार हो गए थे। इसके बाद पेट में दर्द होने के बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान 14 लोगों की मौत हो गई थी।
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बहरहाल, इस घटना में मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल थे। मामले में पुलिस ने कई लोगों को आरोपी बनाया था। वहीं, लंबी बहस और गवाहों के बयानों के बाद 25 साल के बाद अपर सत्र न्यायालय द्वितीय के न्यायाधीश अखिलेश पाठक ने फैसला सुनाते हुए दुकानदार सत्यनारायण अग्रवाल और राकेश कुमार को दोषी पाया गया है। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 60-60 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।