Job Fraud: मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में नौकरी दिलाने के बहाने से लाखों रूपये की ठगी, मुकदमा दर्ज
पूर्वोत्तर रेलवे में नौकरी दिलाने के बहाने सोनभद्र के युवक से लगभग 7 लाख के ठगी का मामला, जालसाजी करने वालो पर मुकदमा दर्ज

युवक से ठगी, 7 लाख रुपये की जालसाजी।
उत्तर प्रदेश, डिजिटल डेस्क: गोरखपुर से ₹7 Lakh की ठगी का मामला सामने आया। रेलवे में नौकरी दिलाने के बहाने, सोनभद्र के युवक से जालसाजी कर उसे ₹7 Lakh रुपये लूट लिए गए।जालसाज़ों ने नियुक्त पत्र देकर उसे 4 महीने तक, उसी से फर्जी हाजिरी लगावाते रहे।
बाद में तबादला होने की जानकारी देते हुए उसे गोरखपुर से लखनऊ भेज दिया गया। युवक जब लखनऊ पहुंचा तो उसके पैरों-तले जमीन खिसक गई, वहां जाकर उसे पता चला कि उसके साथ तो धोखाधड़ी हुई है। युवक ने तीन आरोपियों के खिलाफ उचित दस्तावेज तैयार किए और जालसाजी करने का केस दर्ज कराया।
सोनभद्र के रेणुकूट निवासी आदित्य विश्वकर्मा ने कैंट पुलिस को बताया कि उसे नौकरी की जरूरत थी, वह नौकरी की तलाश कर रहा था। तभी दिल्ली के रघुवीर नगर के निवासी आकाश शर्मा से उसकी फोन पर बात हुई, उसने पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर में लिपिक की नौकरी दिलाने का झांसा देते हुए कहा कि, जितेंद्र मिश्रा से मिल लो। गोरखपुर में आदित्य ने उनसे मुलाकात की, नौकरी दिलाने का भरोसा देते हुए जितेंद्र ने चार-चार बार पैसे वसूले, जो कुल ₹7 Lakh है।
जीतेन्द्र ने मास्टर प्लान बनाया था। उसने आदित्य का मेडिकल रेलवे अस्पताल में चेकअप कराया, जिसके बाद आदित्य को यकीन हो गया कि उसको नौकरी मिल गई है। डाक पत्र से तबादले का बहाना किया गया, लेकिन जब आदित्य लखनऊ पहुंचा तो उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। जिसके बाद दस्तावेज तैयार करके उसे उसने सारे दस्तावेज पुलिस को सौंपा और पुलिस ने न्यायिक प्रक्रिया के तौर पर आकाश शर्मा, जितेंद्र मिश्रा और प्रवीण दुबे को जालसाजी का केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया।
मिर्ज़ापुर में भी ठगी का मामला -
मिर्जापुर में भी नारायणपुर निवासी अनिल कुमार सिंह के साथ ठगी का मामला सामने आया। जिसमें उन्हें फर्टिलाइजेशन में नौकरी दिलाने के नाम पर एक ईमेल फ्रॉड आया। ई-मेल फ्रॉड में लिखा कि गोरखपुर फर्टिलाइजर में सहायक अभियंता की एक भर्ती निकली है। फॉर्म भरने के बाद उसने परीक्षा दी, रिजल्ट नहीं निकला तो उसकी जानकारी लेने के लिए गोरखपुर पहुंचे और छानबीन के दौरान पता चला कि कोई भर्ती निकली ही नहीं है। गेट पर एक व्यक्ति उससे मिला और भर्ती कराने के लिए ₹400000 मांगने लगा। जब अनिल कुमार ने ₹400000 देने से मना कर दिया, तो वह उसे फोन पर धमकी देने लगा। उसके बाद अनिल ने कोतवाली पुलिस में जालसाजी व धमकी का केस दर्ज कराया।