UP ELECTIONS 2022: चुनाव नहीं लड़ेंगे कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र Laliteshpati Tripathi, क्या पार्टी से इस्तीफ़ा और गठबंधन के चलते पड़ा यह असर

कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेश पति त्रिपाठी ने ममता बनर्जी की मंशा को देखते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।

 
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समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के गठबंधन से पड़ा यह असर।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: भारतीय राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि प्रदेश की राजनीति में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से ही शामिल वाराणसी के औरंगाबाद हाउस से चौथी पीढ़ी चुनाव से बाहर हो जाएगी। मिर्ज़ापुर में संविधान सभा के सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी(Kamlapati Tripathi Family)के खानदान का कोई भी प्रत्याशी चुनाव के मैदान में नहीं उतरेगा।

कमलापति त्रिपाठी के खानदान का सैकड़ों वर्षो से ही कांग्रेस से नाता रहा है। लेकिन फिलहाल कांग्रेस से नाता तोड़कर ललितेश पति त्रिपाठी(Laliteshpati Tripathi joins TMC) ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी उतारकर सपा गठबंधन को सहयोग देने का निर्णय लिया है। इससे ललितेश पति त्रिपाठी की तमन्ना पर पानी भरने के साथ ही खानदान की राजनीतिक सफरनामा पर फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है। ममता बनर्जी की मंशाको देखते हुए ललितेश ने(Laliteshpati Tripathi refuses to contest in UP Elections 2022)अन्य जगह से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।

विस्तार:

चार पीढ़ियों से भी ज्यादा Kamlapati Tripathi के परिवार का राजनीति से नाता रहा है और हर बार वह चुनाव में अपनी एक अहम भूमिका निभाते हुए नजर आए हैं। मड़िहान सीट से 2012 में ललितेश पति त्रिपाठी ने चुनाव जीता था और वे विधायक बने थे, लेकिन 2017 में वह रमाशंकर सिंह पटेल से चुनाव हार गए थे। अपनी तैयार जमीन से ही ललितेश चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन इस बार इस सीट पर सपा मुख्य Akhilesh Yadav की राजमाता कृष्णा पटेल की भी इस सीट पर नजर है। इसीलिए इस बार इस सीट पर सपा गठबंधन में शामिल अपना दल कमेरावादी को देने के मूड में है।

कमलापति त्रिपाठी के राजनीतिक कैरियर की बात की जाए तो वह मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र में कैबिनेट मंत्री के पद तक जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। कमलापति त्रिपाठी एक राजनेता एवं स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ संविधान सभा के सदस्य भी रह चुके हैं। 70 साल के राजनीतिक जीवन में उन्होंने 50 साल संसदीय कार्य में अपना जीवन व्यतीत किया है। चंदौली से विधायक रह चुके हैं एवं हर क्षेत्र में एक अहम पद संभाल चुके हैं, जिसके बारे में हम सब जानते हैं।

कांग्रेस और ललितेश पति त्रिपाठी:

ललितेश पति त्रिपाठी(laliteshpati tripathi news)भी प्रदेश में मड़िहान सीट से विधायक चुने गए थे। लेकिन कांग्रेस में उपेक्षा का आरोप लगाकर, उन्होंने दल बदल दिया और ममता बनर्जी के साथ हाथ मिला लिया था। एक सीट के लिए फिलहाल उन्हें तरसना पड़ रहा है और चुनावी अखाड़े में इस बार उनका चुनाव न लड़ने एक चर्चा का विषय बना हुआ है।