स्वाद से बड़ा है जीने का अधिकार : 'गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए'

गौ हत्या रोकथाम अधिनियम पर हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी नहीं दिया आरोपी जावेद को जमानत 
 
Allahabad High Court on Cow
नेपाल में घोषित है गाय राष्ट्र पशु अब भारत की बारी


उत्तर प्रदेश, डिजिटल डेस्क: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक टिप्पणी करते हुए कहा है कि गाय की रक्षा करना न सिर्फ धर्म विशेष का जिम्मेदारी है बल्कि गाय भारतीय संस्कृति से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी होने के कारण हर किसी के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। उच्च न्यायालय ने कहा कि भारत के संसद को विधायक ले आकर कानून बनाना चाहिए और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा तेवर तल्ख करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि गौशालाओं की स्थिति दयनीय हो गई है, गौ रक्षक ही भक्षक बन जाते हैं, गाय गौशालाओं में भूख और बीमारी से मर जाती हैं।

बताते चलें कि जावेद नामक एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जज शेखर यादव ने कहा की "प्रथम दृष्टया आरोपी का अपराध साबित होने के कारण यह माना जा सकता है कि आरोपी ने गौ हत्या रोकथाम अधिनियम के धारा 3,5 और 8 के के विरुद्ध कार्य किया है ऐसे में जमानत देने पर संभव है कि समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ जाए"। 

क्या कहता है संविधान:
भारतीय संविधान के राज्य के नीति निदेशक तत्व के अधीन अनुच्छेद 48 में प्रावधान हैं कि राज्य बछड़ों गायों और अन्य दुधारू पशुओं की हत्या के रोकथाम के प्रयास करेगा। हालांकि राज्य के नीति निदेशक तत्व विधिक रुप से अनिवार्यत: प्रवर्तनीय नहीं है पर एक कल्याणकारी राज्य के रूप में कार्य करने हेतु राज्य के नीति निदेशक तत्व के निर्देशों पर कार्य करना राज्य की जिम्मेदारी मानी जाती है ऐसे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा संसद में विधेयक ले आकर कानून बनाने की सलाह अनुच्छेद 48 पर सरकार का ध्यान और भी आकर्षित करती है। 

क्या कहते हैं आंकड़े:
2020 के आंकड़ों की माने तो भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा गौ मांस निर्यातक देश है और खपत खपत के मामले में भारत गौ मांस के पांचवा सबसे बड़ा देश है जो कि कहीं न कहीं अपने आप में बहुत बड़ा विरोधाभास भी प्रकट करता है। 

कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि गाय के कल्याण से यह देश के कल्याण रास्ता भी खुलेगा। गाय ना सिर्फ दूध के लिए बल्कि कृषि कार्यों में भी कई तरीके से प्रयोग में लाई जा सकती हैं, निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि कोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के साथ ही एक केंद्रीय कानून की मांग की है जो गौ हत्या रोकथाम पर आधारित हो।