Mulayam Singh Yadav : प्रदेश अध्यक्ष को ही दे डाला पार्टी बदलने का न्योता

जानकार बोले यह मुलायम ही कर सकते हैं
 
swatantra dev singh
बोले मुलायम - "स्वतंत्र देव तुम अच्छा काम करते हो सपा में आ जाओ, बहुत आगे जाओगे"

लखनऊ, डिजिटल डेस्क : प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब एक साल भी शेष न हैं ऐसे में तमाम राजनैतिक उठापटक होना तो वाजिब है पर अबकी बार जो हुआ वो शायद इतिहास में लिखे जाने योग्य हैं।

दरअसल सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह पटेल पूर्व रक्षामंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के आवास कुशलक्षेम जानने पहुँचे और मुलायम सिंह यादव ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को ही अपनी पार्टी छोड़ उनके खेमे में आने की सलाह दे डाली। 

अगर करीब से देखा जाय तो ये इतना भी सरल प्रकरण नहीं हैं जितना दिख रहा हैं। जहाँ एक ओर सपा खेमे से स्वतंत्र देव को पार्टी बदलने की सलाह वाली बात निकल कर आई तो वहीं भाजपा खेमे से भी कुशल क्षेम पूछने के बहाने बाबू कल्याण सिंह के लिए रखी गई शोकसभा और श्रद्धांजलि सभा में मुलायम सिंह यादव को आमंत्रित करने की बात भी निकल कर आयी।

बताते हैं श्रद्धांजलि सभा में आमंत्रित किए जाने पर मुलायम सिंह यादव ने कहा वो बीमार रहते हैं और शायद ही सभा में पहुंच पाए अगर यह सच है तो यह अपने आप में पहली बार होगा किसी शोकसभा का न्योता व्यक्तिगत रूप से भेजा गया हो बताते। राजनीतिक पंडितों का मानना है मुलायम सिंह यादव के समक्ष जाकर स्वतंत्र देव सिंह पटेल ने यादव वोट बैंक में सेंध मारने का प्रयास किया है पर देखा जाए भाजपा का दांव भाजपा के खिलाफ भी चला जाता है।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मृत्यु के बाद अंतिम प्रणाम करने ना पहुंचे मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को भाजपा कार्यकर्ताओं ने आड़े हाथ लिया था। सोशल मीडिया पर यहां तक लिखा गया कारसेवकों पर गोली चलवाने के पाप का प्रायश्चित करने का आखरी मौका मुलायम सिंह यादव ने खो दिया। अब जब उनकी ही पार्टी के सिपहसालार मुलायम सिंह का कुशलक्षेम जानने और उन्हें कल्याण सिंह की शोक सभा में आमंत्रित करने पहुंचे तो उन्हीं कार्यकर्ताओं यह बयान की तोहमत की गई है और उस पर भी मुलायम सिंह ने ना पहुंच पाने के की ओर इशारा किया।

कट्टर भाजपा समर्थक मुलायम सिंह यादव को विशेष समुदाय का सम्बोधन जोड़ते हुए बुलाते हैं उन्हें श्रद्धांजलि सभा में आमंत्रित किए जाने से वही कार्यकर्ता मूक बधिर होकर सब देख रहे हैं हालांकि इस प्रकरण में दोनों ही गुटों के जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए एक सीख भी मिलती है कि राजनीति अपनी जगह है पर आदमी को आम जिंदगी में स्वतंत्र और मुलायम ही रहना चाहिए।