मां के साथ साईकल से 13000 किलोमीटर की यात्रा करके लंदन से पहुंचा यह युवक बनारस

लियुक गरेन्फ़ेल 4 साल की उम्र में ही कैंसर पीड़ित हो गया था। जिसके बाद उसने हिम्मत नहीं हारी और निकल पड़ा कैंसर से पीड़ित लोगों की सहायता करने के लिए फंड जुटाने और उसने यह साइकिल यात्रा शुरू कर दी।

 
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दर्जनभर देशों को पार करते हुए पहुँचा बनारस।

उत्तर प्रदेश, Digital Desk: माना जाता है कि, दिल में अगर जैसा होगा और होती है, आपके बुलंद हो तो कितनी भी मुश्किल आपके सामने हो आप उसका हल निकाल लेते हो और जीवन में आगे बढ़ जाते हो। कुछ इस तरह के जज्बे का दावा एक ब्रिटिश नागरिक(cancer patient cycles to banaras) द्वारा किया गया। जो इन दिनों में बनारस(banaras viral news) में पड़ाव डाले हुए हैं ब्रिटिश नागरिक लियुक ग्रेनफेल शा लंदन से ब्रिस्टल शहर का रहने वाला है और कैंसर से पीड़ित है। वह ब्रिस्टल से बीजिंग तक की साइकिल यात्रा पर निकला है। 24 साल की उम्र में कैंसर पीड़ित हो गया था, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और निकल पड़ा कैंसर से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए पैसा जुटाने के लिए। इस नौजवान ने ठान लिया कि जाते-जाते दुनिया में कुछ ऐसा कर जाएगा, जिससे लोग कैंसर जैसी बीमारी से मुकाबला हंसी खुशी करेंगे।

कैसे पहुँचा बनारस:

ग्रीनफेल ने ठान लिया है कि ब्रिस्टल से स्नातक व साइकिल से 13000 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा और एक बड़ा पैसा जुटाकर कैंसर से पीड़ित वाले जनरेशन को समर्पित कर देगा। खास बात यह है कि इस सफर में उसकी मां भी उसके साथ है। जो दर्जन देशों को पार करते हुए बनारस पहुंचे हैं। धार्मिक नगरी वाराणसी में पहुंचते ही यह दोनों काफी उत्साहित है और उम्मीद कर रहे हैं कि दुनिया के सबसे पवित्र शहर माने जाने वाले वाराणसी में उसकी यात्रा को और सुगम बना दिया जाएगा।

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बनारस होली सिटी के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर है। इसलिए अपनी मां के साथ लियुक वाराणसी जरूर आना चाहता था। यहां की गंगा के बारे में और वाराणसी के बारे में उसने बहुत कुछ सुना था। बातचीत के दौरान उसी के बारे में सपोर्ट कर रहे हैं। उसने यह भी बताया कि वह जल्दी कोलकाता की यात्रा पर निकलेगा, जहां से वह बांग्लादेश होते हुए चाइना की बीजिंग पहुंच जाएगा।