Prayagraj News: अलाहाबाद में सुनने को मिली एक अनोखी प्रेम कहानी, 14 वर्ष में हुई गर्भवती, फ़िर भेजी गई बालिका गृह
उत्तर प्रदेश में एक अनोखी कहानी सामने आई, जहां पर 14 साल की लड़की गर्भवती हो गई और उसके प्रेमी के पति के खिलाफ पोस्को एक्ट लगाया गया।

प्रयागराज, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में प्रेम कहानी का एक अनोखा और अजीब मामला सामने आया है। फतेहपुर (Fatehpur News) निवासी प्रेमी जोड़े में प्रेमिका नाबालिग है, जबकि प्रेमी बालिग। दोनों के बीच प्रेम बढ़ा और परिजनों के डर से वे दोनों घर से भागकर लखनऊ पहुँच गए। वहां से नवंबर 2019 में वे दोनों दिल्ली (Delhi News) चले गए और वहां उन्होंने शादी भी कर ली। महज 14 वर्ष की कच्ची उम्र में ही किशोरी गर्भवती (Girls get pregnant at the age of 14) हो गई। इधर, किशोरी के परिजनों की शिकायत पर बालिग प्रेमी के खिलाफ किडनैपिंग, बलात्कार और POSCO Act की सख्त धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था, यहां से किशोरी के प्यार और उसके धैर्य की अग्नि परीक्षा शुरू हो गई।
विस्तार कहानी:
पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद गर्भवती लड़की को राजकीय बालिका गृह भेज दिया गया। उसके बालिग पति को भी गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि, Posco Act का उद्देश्य नौजवानों के बीच प्रेमपूर्ण संबंधों को अपने दायरे में लाना नहीं है। कोर्ट ने शख्स की जमानत याचिका मंजूर करते हुए कच्ची उम्र में माँ बनी किशोरी को बालिका गृह से छोड़ने का आदेश दिया है। इस दौरान 14-15 वर्ष की उम्र में माँ बनी किशोरी को तमाम तरह की कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है।
फतेहपुर-लखनऊ-दिल्ली:
किशोरी और उसका बालिग प्रेमी मूलरूप से फतेहपुर के निवासी है। दोनों में जब प्रेम उमड़ा तो परिजनों के डर से वे लखनऊ भाग गए।वहां से वे दोनों दिल्ली पहुंच गए, प्रेमी जोड़े ने नवंबर 2019 में दिल्ली के ही एक मंदिर में शादी कर ली थी। जिसके बाद किशोरी 14 वर्ष की उम्र में ही PREGNANT हो गई। शादी के तकरीबन 2 साल बाद 3 अक्टूबर 2021 को शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि किशोरी को बालिका गृह भेज दिया गया था। दोनों लगभग 2 साल तक साथ रहे, और इसी दौरान किशोरी ने एक बच्चे को भी जन्म दिया। उसके बाद से ही किशोरी बालिका गृह में रहने पर विवश हो गई।
माता-पिता के साथ जाने से इनकार:
इस मामले में Posco Act के तहत मामला दर्ज किया गया था। किशोरी के प्रेमी की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई, कोर्ट ने जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए किशोरी को भी बालिका गृह से छोड़ने का आदेश दे दिया। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि, पॉक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण और यौन प्रताड़ना से सुरक्षा प्रदान करना है, नौजवानों के प्रेम संबंधों में दखल देना नहीं। कोर्ट ने कहा कि, किशोरी ने आरोपी शख्स के बच्चे को जन्म दिया। उसने (किशोरी) माता-पिता के साथ जाने से भी साफ तौर पर इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि किशोरी पिछले 4-5 महीनों से अपने बच्चे के साथ बेहद ही अमानवीय स्थिति में बालिका गृह में रह रही थी, यह खुद में ही काफी करुणाजनक है। कोर्ट ने बालिका गृह के संचालक को किशोरी को उसके बच्चे के साथ छोड़ने का आदेश दिया। इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि, नवजात को उसके माता-पिता के प्रेम से वंचित करना बेहद निर्मम और अमानवीय होगा।