उत्तर प्रदेश में चुनावी हड़कंप शुरू, फेक पत्र दिखाकर की जा रही है धर्म और सियासत की राजनीति

ट्विटर पर एक यूजर ने पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए योगी आदित्यनाथ पर धर्म के नाम पर तंज कसना शुरू किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हो गई।

 
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फेक तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल शुरू।

Uttar Pradesh, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में अब सियासी खेल बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर राजनीति शुरू हो गई है। राजनीति का मुद्दा कई साल पुराना पत्र है, जो न्यूज़ के तौर पर प्रकाशित हुई थी। यह पत्र तब लिखा गया था जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की नहीं बल्कि अखिलेश यादव की सरकार हुआ करती थी। इस पत्र में लिखा था कि, रामानुज यादव नाम की लड़की के साथ गोंडा के एक हाई स्कूल में मास्टर जी ने बदसलूकी की थी। रामानुज यादव हाई स्कूल में कक्षा 6 में प्रवेश लेना चाहता था, लेकिन प्रधानाचार्य हरिराम शुक्ला ने उसे मारपीट कर भगा दिया था। प्रधानाचार्य ने कहा था कि, पढ़कर वह कौन सा बड़ा मुख्यमंत्री बन जाएगा, इससे अच्छा खेत में जाकर काम करें। इसी वजह से प्रधानाचार्य की शिकायत युवक ने डीएम से की थी।

फेक ख़बर का भंडाफोड़:

ट्विटर पर एक अकाउंट ने इस पुरानी तस्वीर को शेयर करते हुए योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा। तस्वीर को शेयर करते हुए उसने कैप्शन में लिखा है कि, रामानुज यादव को एक ब्राह्मण शिक्षक में एडमिशन नहीं दिया और बोला की जाओ खेत में काम करो। योगी आदित्यनाथ की सरकार में क्या ऐसे बचाए जा रहे हैं हिंदू? योगीराज में अब जय श्री राम?


यह कैप्शन लिखकर इस यूजर ने इस पोस्ट को शेयर कर दिया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू किया और यूजर को जमकर खरी-खोटी सुनाई। क्योंकि यह तस्वीर सालों पुरानी है, जिसका अभी किसी भी मुद्दे से कोई ताल्लुक नहीं है।

मीडिया ने इस खबर को शत-प्रतिशत झूठ माना। मीडिया ने जब इस तस्वीर के बारे में पता लगाया तो पता चला कि, यह तस्वीर योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में नहीं, बल्कि अखिलेश यादव की सरकार के दौरान की है। इसीलिए हमने इस फोटो को गलत बताते हुए आपके सामने सच पेश किया।