Sonbhadra: नन्हें तेंदुए से छीन ली उसकी आँखों की रौशनी

सोनभद्र जिले के एक छोटे से गाँव में सोनू नामक नन्हें तेंदुए को आने पर उसे ज़िन्दगी भर की सज़ा मिली।  वहां ग्रामीण उसे देख कर इतना डर गए कि बिना सोचे समझे उस छोटे से बच्चे के ऊपर लाठियां बरसानी शुरू कर दी।
 
Source: Amar Ujala
 ग्राम के लोगों के हमला करने के बाद जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम तेंदुए को बेहोशी की हालत में 2 बजे बेहोशी की हालत में ज़ू लेकर आई थी। 


सोनभद्र: अंग्रेजी में एक कहावत बड़ी ही प्रसिद्ध है, 'Mother Earth Can Fulfill All The Needs But Not All The Greeds'. इसका अर्थ यह है कि, माता रुपी पृथ्वी सभी की ज़रूरतों को तो पूरा कर सकती है, लेकिन लालच की पूर्ती नहीं कर सकती हैं। मानव वैश्वीकरण और औद्योगीकरण के पीछे इतना पागल है कि वह अक्सर यह भूल जाता है कि यह पृथ्वी जितनी उसकी है उतनी ही दूसरे जीवों की है। आमतौर पर मनुष्य अपने फायदे के लिए कभी दूसरे जीवों का व्यापार करते, कभी उनके संसाधनों को छीनते तो कभी उन्हीं बेज़ुबान जानवरों को मारते नज़र आता है।  ऐसा ही एक घृणा योग्य दृश्य उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में देखने को मिला जब वहां एक नन्हा तेंदुआ गाँव में घुस बैठा।  

सोनभद्र जिले के एक छोटे से गाँव में सोनू नामक नन्हें तेंदुए को आने पर उसे ज़िन्दगी भर की सज़ा मिली, वहां ग्रामीण उसे देख कर इतना डर गए कि बिना सोचे समझे उस छोटे से बच्चे के ऊपर लाठियां बरसानी शुरू कर दी। लाठियों की मार से बेचारा नन्हा सोनू अधमरा हो गया और उसकी आँखों की रौशनी चली गई। अब वह आगे का जीवन अपने चार बाई दो के पिंजरे में बसर करेगा।  

ज़ू के डॉक्टर से बातचीत करने पर डॉ. नासिर ने बताया है कि अभी नन्हें सोनू को अनुभूति केंद्र में रखा जा रहा है। सर पर चोट लगने की वजह से उसकी दाईं आँख की मसल्स में अंदरूनी चोट आई है। इस वजह से उसे दाईं आँख से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। साथ ही बाई आँख में सीधे चोट लगने से उससे भी दिखना बंद हो गया है, छोटे बच्चे से उसकी आँखों की रौशनी छिन जाने के बाद वह पिंजरे में भी संभाल कर चलता है। मीट का टुकड़ा देने पर भी वो उसे ग्रहण नहीं कर पा रहा है, ऐसे तेंदुए को ना ही जंगल में छोड़ा जा सकता है, न ही बड़े बाड़े में रखा जा सकता है। वह उसे मीट ढूंढने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल अभी के लिए उसे एक छोटे से पिंजरे में रखा जा रहा है साथ ही उसकी पूरी देखभाल की जा रही है।  

ज़ू के निदेशक डॉ. शेष नारायण मिश्रा ने कहा कि, "इलाज करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक़ नन्हे सोनू के माथे पीठ और सर पर गहरी चोट है साथ ही जब उसे लाया गया था तब वह डिहाइड्रेशन का शिकार भी था, उसे ज़रूरी दवाएं और ग्लूकोस दिया गया है"। ग्राम के लोगों के हमला करने के बाद जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम तेंदुए को बेहोशी की हालत में 2 बजे बेहोशी की हालत में ज़ू लेकर आई थी। 


Source: Live Hindustan