Viral: मिर्ज़ापुर विंध्याचल में सालों पुराना है पंडो के लड़ाई का इतिहास, ऐसे में एक तस्वीर Twitter पर वायरल
मिर्जापुर विंध्याचल दरबार से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। जिसमें मंदिर के एक पंडे की जमकर पिटाई की गई, ऐसी तस्वीर दिखाई जा रही है, जबकि यह तस्वीर July महीने की है।

पुरानी तस्वीर को लेकर social media पर हंगामा।
मिर्ज़ापुर, Digital Desk: मिर्ज़ापुर विंध्याचल धाम में पंडो के लड़ाई की कहानी भी बड़ी प्रसिद्ध है। सालों से पंडो और पुलिस के बीच का विवाद फिर, एक पंडा दल और दूसरे पंडा दल के बीच का विवाद, एक चर्चा का विषय हमेशा से बना रहता है। इसमें किसी का दोष नहीं लेकिन माता के दरबार में सबको यह लगता है कि प्रथम वरीयता के आधार पर दरबार संभालने की जिम्मेदारी उनकी है। पंडो और पुलिस के बीच का विवाद सालों इसी बात पर रहा है कि माता के दरबार की देखरेख एवं सेवा कौन करेगा। पंडा दल को लगता है कि माता के दरबार की देखरेख एवं सेवा करने का अधिकार उनका है, वही प्रशासन द्वारा पुलिस को लगाया गया है, ताकि वह माता के दरबार का ख्याल रखें, किसी प्रकार की अराजकता पैदा न हो।
पंडो और पंडों के बीच का विवाद भी कभी-कभी भव्य रूप ले लेता है। मिर्ज़ापुर में आने वाला हर व्यक्ति माता के दरबार दर्शन करने जरूर जाता है। ऐसे में दर्शन की पूरी विधि वहां के पंडे कराते है। हर एक व्यक्ति जो लगातार माता के दरबार जाता है उनका एक पंडा फिक्स रहता है।
क्या है झूठी ख़बर:
दरअसल, सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को वायरल कर दिया गया और कुछ लोगों को कहना है कि पुरोहित अमित पांडे को कुछ मुसलमानों ने जमकर पीटा और उस पर जानलेवा हमला किया। लेकिन यह खबर झूठी है, क्योंकि जुलाई महीने में आप सब ने एक खबर सुनी होगी, जिसमें 2 पंडो के पक्षों के बीच जबरदस्त लड़ाई हो गई, लड़ाई इतनी भयंकर थी कि एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के पंडे यानी अमित पांडे को जमकर पीटा। इसके बाद अमित को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया था और अमित ने चार लोगों पर जान से मारने का इल्जाम भी लगाया था।
अमित पांडे के ऊपर भी कई सारे मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं एवं पुलिस से भी उसका विवाद कई बार हो चुका है, जिसपर पुलिस ने उस पर कई कार्यवाही भी की है। ऐसे में इंटरनेट पर किसी ने अमित की इस तस्वीर को फिर वायरल कर दिया और एक अलग ही स्वरूप दे दिया, जो कि बिल्कुल गलत है।
झूठी है तस्वीर, ऐसे पता चला सच-
तस्वीर के झूठे होने का सच तब पता चला जब अमित पांडे के भाई सुमित पांडे ने स्वयं बताया कि यह तस्वीर झूटी है एवं कई महीनों पुरानी है। जिसका मौजूदा दिए जा रहे एंगल से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर तबकी है जब अमित पांडे को मंदिर परिसर में ही कुछ पंडों ने पीटा था। जिन लोगों ने उसे पीटा था वह पंडे थे, मुसलमान नहीं।
पुलिस का कहना:
पुलिस का भी कहना है कि मुसलमानों द्वारा अमित पांडे पर हमला करना एक बेबुनियाद अफवाह है। अमित के खिलाफ पहले से ही कई सारी एफ आई आर दर्ज है, वो पुलिस पर भी हमला कर चुका है और उनकी आदत है कि वह खुद को भी कभी-कभी घायल कर लेते हैं। लेकिन वायरल तस्वीर पुरानी घटना की है मौजूदा दिए जा रहे एंगल से उसका कोई संबंध नहीं।