गृह मंत्रालय ने Zakir Naik की NGO पर 5 साल के लिए बैन बढ़ाया, स्पेशल एक्ट के तहत लगाया गया था बैन
इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक पर गृह मंत्रालय द्वारा 2016 में पहली बार उनकी एनजीओ पर बैन लगाया गया था। जाकिर नाइक के एनजीओ का नाम इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन हैं।

नई दिल्ली, Digital Desk: जाकिर नाइक अपने भड़काऊ भाषण देने के लिए जाने जाते हैं। जाकिर नाइक पर कई सारे लोगों ने आलोचना लगाई है कि, वे धार्मिक लड़ाई को बढ़ावा देते हैं। जिसके बाद सबसे पहली बार गृह मंत्रालय द्वारा 2016 में जाकिर नाइक की एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन पर बैन लगाया गया था, यह बैन "अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट" के तहत लगाया गया था।
कई सारे मामले दर्ज़-वैसे देखा जाए तो भारत में नाइक के खिलाफ कई सारे अपराधिक मामले दर्ज है। मौजूदा स्थिति में जाकिर नाइक भारत से वांछित हैं। उनपर यह आरोप है कि उसके भाषण भड़काऊ थे, जो पीस टीवी पर दिखाए जाते हैं। ज़ाकिर की एनजीओ डोंगरी मुंबई में स्थित है।
2016 बांग्लादेश बम विस्फोट:
सबसे पहली बार ज़ाकिर नाइक का नाम पहली बार तब सामने आया था, जब 2016 में हुए बांग्लादेश की राजधानी ढाका विस्फोट में जो आतंकी गिरफ्तार हुए थे, उन्होंने बताया कि वह ज़ाकिर नाईक के भाषणों से प्रभावित हुए थे। ढाका में हुए इस बम धमाके में लगभग 22 लोग मारे गए थे।
बाद में मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने इस मामले की जांच की और जाकिर नाइक और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया गया। उनपर यह भी आरोप है कि वह अपने भाषणों द्वारा धर्म के बीच लड़ाइयां लगवा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक उनके एनजीओ फाउंडेशन ने 400 से 500 पुरुष और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाया है।
जाकिर नाइक पर सबसे ज्यादा मुकदमा महाराष्ट्र और केरला में दर्ज है। बाद में और जांच करने पर पता चला कि उनके एनजीओ को विदेशों से फंड मिलते हैं। यही नहीं जाकिर नाइक का पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकी संगठनों से भी संबंध है। फिलहाल जाकिर मलेशिया में छिपा हुआ है और भारत सरकार उसे लाने का लगातार प्रयत्न कर रही है।
पर्सनल लाइफ:
निजी जीवन की बात करें तो जाकिर नायक ने डॉक्टर की पढ़ाई की है, लेकिन मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उसके उपदेशक साउथ अफ्रीका के शेख अहमद दीदात बन गए उसके बाद जाकिर ने पढ़ाई छोड़ कर यही रास्ता चुन लिया। जाकिर के पिता भी एक मनोचिकित्सक थे और एक खबर के मुताबिक उसकी मां उसे दुनिया का पहला सफल हार्ट ट्रांसप्लांट करने वाला साउथ अफ्रीकन मूल का डॉक्टर क्रिश्चियन बर्नार्ड जैसा बनाना चाहती थी, लेकिन जाकर ने दूसरा ही रास्ता चुना। जाकिर भारत में वांछित है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए लाखों लोगों से जुड़ा हुआ है और कट्टरपंथी बयान देता रहता है।